
आकाशीय बिजली का कहर! CB क्लाउड के कारण गिरती है गाज, 3 माह में बिजली गिरने से 250 ने गंवाई जान(photo-patrika)
CG Lightning News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में बारिश के दौरान खुले मैदान या पेड़ के नीचे खड़े रहना खतरनाक साबित हो सकता है। आकाशीय बिजली अक्सर पेड़ के नीचे गिरती है। पिछले तीन माह में प्रदेश में गाज गिरने से 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सितंबर तक मानसूनी सीजन रहता है। इस दौरान भी अक्सर गाज गिरने से लोगों की असमय मौत हो जाती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े होना खतरनाक है।
बुधवार को राजधानी के एक स्कूल में खेलते समय आकाशीय बिजली गिरने से छात्र की मौत हो गई। वहीं गुरुवार को खेत में काम करती हुई मुजगहन थाना क्षेत्र में एक महिला ने दम तोड़ दिया। पत्रिका ने आकाशीय बिजली गिरने की वजह जानी तो मौसम विज्ञानियों ने बताया कि इसका कारण क्यूमलो निंबस यानी सीबी क्लाउड है। ये जमीन की सतह से 6 से 16 किमी ऊपर बनता है। ये बादल आकाश में जोरदार गर्जना कराते हैं और करीब 20 हजार वोल्ट का करंट बनाता है।
यही नहीं जमीन पर तेजी से बिजली की तरह गिरती है। इसकी चपेट में आने से न केवल मनुष्य, बल्कि मवेशी भी मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल व जनरल फिजिशियन डॉ. एसके चंद्रवंशी के अनुसार बिजली की चपेट में आने से अगर मनुष्य किसी तरह बच भी जाए तो अपाहिज हो सकता है। याददाश्त जाने या कम होने के अलावा, शरीर के अंगों का सुन्न पड़ जाना, लकवा मारना, ऑर्गन फेल होना या हार्ट अटैक भी आ सकता है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर में आकाशीय बिजली के कहर से दो और लोगों की मौत हो गई। मुजगहन में एक महिला खेत में काम करते समय आकाशीय बिजली की चपेट में आ गई तो पुरानी बस्ती इलाके में तालाब के पास बैठे युवक की भी मौत हो गई। इसी तरह अमलीडीह के सेंट जोसेफ स्कूल परिसर में बिजली गिरने से दसवीं के छात्र की मौत हो गई थी। उसी समय मुजगहन और पुरानी बस्ती इलाके में बिजली गिरी थी।
पुलिस के मुताबिक मुजगहन इलाके में बुधवार दोपहर में ग्राम सलौनी निवासी सुशीला भारती (27) व अन्य लोग खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान अचानक बिजली गिरी। इसकी चपेट में सुशीला आ गई। इससे उनकी मौत हो गई। मुजगहन पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है। इसी तरह पुरानी बस्ती इलाके में तालाब किनारे बैठे गणपति धीवर(34) के ऊपर भी बिजली गिर गई। इससे उसकी भी मौत हो गई। पुरानी बस्ती पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में लिया है।
राजधानी में बुधवार की दोपहर व शाम को तेज बारिश हुई। दोपहर में बादल जोर से गरज रहे थे। इससे कई लोग भयभीत नजर आए। इसी दौरान स्कूली छात्र की मौत हुई। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिनों तक राजधानी समेत प्रदेश के कई इलाकों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। कहीं-कहीं पर भारी बारिश हो सकती है। अब तक मानसूनी सीजन का 89 फीसदी पानी गिर चुका है। मानसूनी सीजन 30 सितंबर तक होता है। इस दौरान कम से कम 80 मिमी से ज्यादा बारिश हो सकती है।
एचओडी चेस्ट नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉ. आरके पंडा ने कहा की आकाशीय बिजली सीधे फेफड़ों को चोट पहुंचा सकती है, जिससे फेफड़ों में तरल पदार्थ भर सकता है। बिजली के झटके के कारण फेफड़ों का श्वसन तंत्र ठप भी हो सकता है। मानसूनी सीजन ऐसे कुछ केस आते रहे हैं।
प्रोफेसर मेडिसिन नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा ने कहा की बिजली गिरने से गंभीर रूप से घायल पैरालिसिस के कई मरीज मानसूनी सीजन में आते हैं। ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाकों के होते हैं। इलाज के बाद कुछ मरीज ठीक होकर सामान्य जीवन भी जीने लगते हैं।
बुधवार दोपहर 12 से लेकर 3 बजे के बीच बारिश और गरज के कारण शहर में बिजली गिरने की घटनाएं हुईं। पहली घटना सेंट जोसफ स्कूल परिसर में हुई। इसमें दसवीं के छात्र प्रभात साहू की मौत हो गई। इसके कुछ देर बाद मुजगहन इलाके में महिला और पुरानी बस्ती इलाके में युवक की बिजली गिरने से मौत हो गई। मृत छात्र प्रभात का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके परिजनों के अलावा बड़ी संया में मोहल्ले वाले, उनके दोस्त शामिल थे।
रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर जनरल मौसम विभाग एमएल साहू ने कहा की मानसून या प्री मानसून सीजन में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इसमें हजारों वोल्ट का करंट होता है। पेड़ के नीचे, खाली मैदान या पानी के आसपास बिजली गिर सकती है। क्योंकि ये इन्हें आकर्षित करते हैं।
Updated on:
12 Sept 2025 10:49 am
Published on:
12 Sept 2025 10:44 am
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