
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं छत्तीसगढ़ में भी श्रीकृष्ण की ऐसी पांच मंदिर हैं जो बेहद ही खास मानी जाती है। जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन आप अपने ही क्षेत्र में इस मंदिर में जाकर श्रीकृष्ण की पूजा कर सकते हैं। तो चलिए आपको इस मंदिर के नाम के साथ इसकी खासियत भी बताते हैं।
वैसे बता दें कि इस पर्व को लेकर छत्तीसगढ़ के कृष्ण मंदिरों में अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है। अगर राजधानी रायपुर की इस्कॉन मंदिर की बात करें तो रक्षाबंधन के खास मौके पर यहां श्री राधारास बिहारी जी की प्राण प्रतिष्ठा भी पूरी कर ली गई है। जन्माष्टमी से पहले ही पूरा माहौल हरे कृष्णा हरे कृष्णा, हरे राम रहे राम के स्वर से गूंज उठा।
राजधानी रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के लिए इस्कॉन मंदिर में विशाल पंडाल बनाया जाता है। राधा कृष्ण के लिए पोशाक एवं आभूषण वृंदावन एवं मुंबई से मंगाए गए हैं। जन्माष्टमी में यहां बाल महोत्सव फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भव्य नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है।
साथ ही में मंगल आरती, तुलसी आरती, श्रृंगार दर्शन, धूप अगरबत्ती, भजन संध्या, संध्या आरती का आयोजन किया जाएगा। हर साल रायपुर इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि विदेश से पर्यटक भी कृष्ण भगवान के दर्शन लिए यहां पहुंचते हैं।
रायपुर के समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में साज सजावट के लिए विशेष तौर से कोलकाता के कारीगरों को बुलाया जाता है। रायपुर के कृष्ण मंदिरों में सबसे बड़े मंदिर में से एक है समता कॉलोनी का राधा कृष्ण मंदिर। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही भक्तों का तांता रहता है।
हर साल बिलासपुर के वेंकटेश मंदिर में कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही भजन कीर्तन शुरू हो जाता है। यहां बड़े ही धूमधाम से शाम को संध्या आरती की जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के मनमोहक रूप के दर्शन करने पर्यटक यहां दूसरे राज्यों से भी आते हैं।
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खाटूश्याम मंदिर में विशेष सजावट की जा रही है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रदेश के सभी बड़े कृष्ण मंदिरों में मेले जैसा माहौल रहता है। कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) के दिन भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता रहता है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में भजन कीर्तन शुरू रहता है, जिसके बाद शाम के समय मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित अक्षयपात्र मंदिर छत्तीसगढ़ में कृष्ण भगवान के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 108 प्रकार के पकवान का भोग भी लगाया जाता है। हर साल अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं।
Updated on:
20 Aug 2024 04:36 pm
Published on:
20 Aug 2024 04:35 pm
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