scriptमानसून का आगमन होने वाला है, धान की रोपा पद्धति के लिए नर्सरी डालें किसान | Monsoon Update: Farmers should put Nursery for Ropa method of Paddy | Patrika News

मानसून का आगमन होने वाला है, धान की रोपा पद्धति के लिए नर्सरी डालें किसान

locationरायपुरPublished: Jun 11, 2020 01:48:18 am

Submitted by:

Anupam Rajvaidya

कृषि वैज्ञानिकों ने दी मौसम आधारित सलाह
मानसून पूर्व बारिश वाले इलाके के किसान आवश्यक रूप से कर लें खेतों की जुताई

cg news

मानसून का आगमन होने वाला है, धान की रोपा पद्धति के लिए नर्सरी डालें किसान

कबीर बादल प्रेम का, हम पर बरसा आई
कीट व्याधियों की प्रतिरोधी एवं सहनशील किस्में छत्तीसगढ़ राज्य बीज विकास निगम एवं इंदिरा गाधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में उपलब्ध हैं। इन पर पौध रोगों एवं कीटों का असर कम होता है इसलिए किसान अपने प्रक्षेत्रों में लगाने वाली किस्मों का चुनाव करें एवं बीजों को फफूंद नाशी का उपचार करने के बाद ही बोवाई हेतु उपयोग करें। किसान मृदा स्वास्थ्य के आधार पर ही खाद उर्वरक का उपयोग करें।
ये भी पढ़ें...राहुल गांधी से भी ज्यादा लोकप्रिय हैं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
किसानों को मौसम आधारित सलाह दी गई है कि धान की रोपा पद्धति हेतु नर्सरी डालें। धान की रोपा हेतु नर्सरी की बोआई करे। इसके लिए मोटा धान 50 किलोग्राम या पतला धान 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बीज डालें। धान का थरहा डालने या बोवाई से पूर्व स्वयं उत्पादित बीजों को नमक के घोल से उपचारित करें। प्रमाणित या आधार श्रेणी के बीजों को पैकेट में दिए गए फफूंद नाशक से अवश्य उपचारित करें।
ये भी पढ़ें...रेल यात्री कृपया ध्यान दें, 90 मिनट पहले पहुंचे स्टेशन
किसानों को धान एवं अन्य फसल बोने के लिए तैयार रहने तथा सोसाइटी से उन्नत बीज एवं उर्वरक उठाकर भंडारण करने की सलाह दी जाती है। जिन स्थानों में मानसून पूर्व वर्षा हुई हो वहां कृषक खेतों की जुताई आवश्यक रूप से करें। मानसून पूर्व खुर्रा बुवाई के लिए कतार में सीडड्रिल से बुवाई करें एवं बीज 4 से 5 सेमी गहराई पर डालें। बुआई के बाद वर्षा होने पर अंकुरण पूर्व निंदानाशक का छिड़काव करें।
ये भी पढ़ें…[typography_font:14pt;” >रायपुर. छत्तीसगढ़ में बस्तर के रास्ते मानसून प्रवेश करता है। प्रदेश में सामान्यतया 10 जून को मानसून (monsoon) का आगमन होता है लेकिन इस बार तीन-चार दिनों की देर से आने की संभावना है। कृषि संचालनालय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के किसानों को मौसम (weather update) आधारित सलाह दी है कि मानसून के आगमन को मद्देनजर रखते हुए किसान खरीफ सीजन के लिए धान एवं अन्य फसलों के लिए तैयारियां कर लें।
ये भी पढ़ें…खेतिहर मजदूरों को भी छत्तीसगढ़ में मिलेगा ‘न्याय’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो