
OPD Charges: डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ओपीडी में इलाज के लिए हर बार 10 रुपए की पर्ची कटानी होगी। जबकि आंबेडकर अस्पताल में ओपीडी में इलाज फ्री है। यही नहीं, पर्ची की वैधता एक साल की होती है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सीएचसी व पीएचसी में शुल्क को लेकर कोई एकरूपता नहीं है।
कई पीएचसी में ओपीडी शुल्क 10 रुपए लिया जा रहा है। इसकी वैधता भी एक सप्ताह होती है। यानी मरीज आठवें दिन इलाज के लिए जाएगा तो उन्हें फिर से पर्ची कटानी होगी। मई 2021 में जब डॉ. आलोक शुक्ला स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव बने, तब उन्होंने ओपीडी शुल्क फ्री करने की बात कही थी। उनकी इस बात को आंबेडकर समेत कई मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों ने लागू कर दिया।
वहीं, कई ने अधिकृत आर्डर नहीं आने का हवाला देकर मरीजों से शुल्क ले रहे हैं। डीकेएस में ओपीडी में इलाज का नियम निजी अस्पतालों जैसा है। यानी मरीज जब भी इलाज के लिए जाएगा, उन्हें पर्ची कटानी होगी। एक साथ दो बीमारी है, तब भी दूसरे विभाग की पर्ची के लिए 10 रुपए शुल्क देना होगा। OPD Charges वहीं, आंबेडकर में एक साथ दो या तीन बीमारी होने पर भी एक ही पर्ची में इलाज किया जा रहा है।
अगर किसी मरीज को लगातार सिर में दर्द हो रहा है तो वह सामान्यत: न्यूरोलॉजी विभाग की पर्ची कटाएगा। मरीज को पेशाब संबंधी कोई परेशानी है तो उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर के पास जाना होगा। इसके लिए फिर से ओपीडी पर्ची कटानी पड़ रही है। अगर पेट संबंधी समस्या है तो फिर से गैस्ट्रोलॉजी विभाग के लिए पर्ची लेनी होगी। हर बार उन्हें शुल्क जमा करना होगा।
डॉ. क्षिप्रा शर्मा, अधीक्षक डीकेएस अस्पताल: डीकेएस में डायग्नोस्टिक समेत साफ-सफाई आउटसोर्सिंग पर चल रही है। अस्पताल की शुरुआत यानी अक्टूबर 2017 से मरीजों से ओपीडी शुल्क लिया जा रहा है।
डॉ. एसबीएस नेताम, अधीक्षक आंबेडकर अस्पताल: आंबेडकर अस्पताल में चार साल से ओपीडी में इलाज करवाने वाले मरीजों के लिए पर्ची फ्री में बन रही है। पहले भी सामान्य 10 रुपए शुल्क लिया जा रहा था।
OPD Charges: आंबेडकर अस्पताल में ओपीडी की पर्ची एक बार कटाने पर सालभर चलती है। उदाहरण के लिए कोई मरीज 1 जनवरी को पर्ची कटवाता है तो यह पर्ची 31 दिसंबर तक वैध रहेगी। अगली बार इलाज के लिए जाने पर उन्हें संबंधित विभाग की ओपीडी में सील लगवाना होगा। अब ओपीडी शुल्क फ्री है तो इससे खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन पहले जब 10 रुपए लगता था तो उन्हें कतार में लगने के साथ शुल्क पटाना होता था।
अब एक बार नाम व मोबाइल नंबर बताने पर पुरानी पर्ची का पूरा ब्यौरा मिल जाता है ।OPD Charges यही नहीं, अगर कोई मरीज मेडिसिन विभाग में सर्दी, खांसी व बुखार का इलाज करवा रहा है और आंख का इलाज भी कराना चाहता है तो इसी पर्ची में इलाज हो जाएगा।
Updated on:
22 Sept 2024 04:31 pm
Published on:
22 Sept 2024 04:30 pm
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