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सरकारी मुआवजे से नहीं जाएगा जीवनभर का दर्द, अस्पताल प्रबंधन पर हो सख्त कार्रवाई

locationरायपुरPublished: Apr 26, 2021 06:25:30 pm

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CG Desk

RAJDHANI HOSPITAL FIRE : राजधानी अस्पताल की आगजनी में 7 मरीजों की मौत का मामला .- जान गंवाने वाले के परिजनों को नहीं मिला न्याय .

सरकारी मुआवजे से नहीं जाएगा जीवनभर का दर्द, अस्पताल प्रबंधन पर हो सख्त कार्रवाई

सरकारी मुआवजे से नहीं जाएगा जीवनभर का दर्द, अस्पताल प्रबंधन पर हो सख्त कार्रवाई

रायपुर . चरोदा भिलाई निवासी 50 वर्षीय ईश्वर राव सेलून की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। घर में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। ईश्वर कोरोना पॉजीटिव होने के कारण पचपेड़ीनाका स्थित राजधानी अस्पताल (RAJDHANI HOSPITAL FIRE) के आईसीयू में भर्ती हुए थे। 17 अप्रैल को अस्पताल में आग लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
अब उनके घर को संभालने वाला कोई नहीं है। उनकी बेटी एल दिव्या ने बताया कि पिता की मौत पर सरकार ने उनके परिजनों को 4 लाख का मुआवजा दिया है, लेकिन सरकारी मुआवजे से जीवनभर का दर्द खत्म नहीं हो सकता। अस्पताल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होने से ही मृतकों की आत्मा को शांति मिलेगी। संचालकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि अस्पताल (hospital managment) के आईसीयू में आग लगने से वहां भर्ती सात कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक अस्पताल संचालकों का नाम एफआईआर में दर्ज नहीं हुआ है और न ही प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है।
एफआईआर करने गए, तो थानेदार ने लौटा दिया
मृतक ईश्वर के बेटी एल दिव्या ने बताया कि वह प्राइवेट जॉब करती है। पिता का सेलून का कारोबार था। इससे पूरा घर चलता था। अब उनके जाने के बाद समस्या बढ़ गई है। उनकी मौत की एफआईआर कराने और पीएम रिपोर्ट के लिए दो दिन पहले टिकरापारा थाने गए थे। थानेदार ने एफआईआर करने से इनकार कर दिया और लॉकडाउन के बाद ही आना कहकर चलता कर दिया।
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फॉरेंसिक की टीम पहुंची, लिया सैंपल
घटना के करीब एक सप्ताह बाद राज्य फॉरेंसिक साइंस एंड लैबोरेटरी और बिजली विभाग की टीम राजधानी अस्पताल पहुंची। टीम ने अस्पताल के आगजनी वाले हिस्सों की जांच की। बिजली विभाग के इंस्पेक्टर ने वॉयरिंग की जांच की। इसके बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीएल चंद्रा ने आगजनी वाले स्थानों का निरीक्षण किया। वायर, सर्किट व जली हुई चीजों के दर्जन भर सैंपल लिए। सैंपल की लैब में जांच की जाएगी। इसके आधार पर आगजनी के कारणों का पता चल सकेगा। घटना स्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई गई है। जांच के दौरान टीम के सदस्य पीपीई किट में थे।

फायर सेफ्टी वालों की अनदेखी
पूरे मामले में फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी सामने आई है। फायर सेफ्टी वालों ने अब तक अस्पताल की जांच नहीं की है। इससे उनकी लापरवाही सामने नहीं पा रही है। फायर सेफ्टी वालों को जांच करनी है कि अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम, उसका उपयोग हुआ है कि नहीं?
अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर संचालकों का नाम मांगा गया है, लेकिन अब तक नाम नहीं मिला है। फॉरेंसिक की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है।
– मनोज धु्रव, सीएसपी, पुरानीबस्ती

अस्पताल में आगजनी से जान गंवाने वालों को इंसाफ मिलना चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए। प्रशासन मामले की गंभीरता से जांच नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करेगी, तो जनता कांग्रेस पीडि़तों के लिए लड़ेगी।
– अमित जोगी, अध्यक्ष, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे, रायपुर
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