
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर की कई राशन दुकान आबंटित चावल में लाखों का घोटाला कर रही हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी ओर राशन में गड़बड़ी के आरोपी कई राशन दुकानों को मामूली रकम जमा करने पर बहाल किया जा रहा है। ऐसी राशन दुकानों को निरस्त करने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ पीडीएस संघ ने कलेक्टर से शिकायत की है। कई राशन दुकानों में अब भी कालाबाजारी का खेल जारी है।
गड़बड़ी पाए जाने के बाद नीरा राशन दुकान को कार्यालय पंजीयक फर्म एंड सोसाइटी से राशन दुकान संचालित करने वाली समिति के अध्यक्ष, सचिव व संचालक मंडल की अद्यतन सूची, उचित मूल्य दुकान का अनुबंध पत्र, संस्था के तीन साल की ऑडिट रिपोर्ट, बैंक पासबुक, कम पाए गए खाद्यन्न की शेष बचत राशि जमा किए जाने का शपथ पत्र देने के बाद ही दोबारा बहाल करने का आदेश दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक इसके दस्तावेज भी नहीं दिए गए हैं।
रायपुर के खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने कहा की कुछ राशि जमा करने और शर्तों को पूरा करने पर सहमत होने के कारण नीरा खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित को बहाल किया गया है। अगर इससे कोई असंतुष्ट है, तो उन्हें कलेक्टर कोर्ट में अपील करनी चाहिए।
कई राशन दुकानों ने 10-20 लाख से ज्यादा सरकारी चावल बेच दिया है, लेकिन उनके खिलाफ सत कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे दुकानदार खाद्य विभाग में 3-4 लाख रुपए जमा करते हैं। इसके बाद उनकी दुकानें फिर से बहाल हो जाती हैं। इसके बाद फिर वही चावल अफरा-तफरी का काम करते हैं।
एक मामले में राशन दुकान में करीब 10 लाख के राशन की गड़बड़ी का मामला सामने आया, लेकिन मामूली राशि जमा करने पर उसे दुकान फिर दे दी गई। नीरा खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित आईडी क्रमांक 441001338 का मामला है। दुकान में भारी मात्रा में चावल की गड़बड़ी की गई थी। जांच में कुल 9 लाख 70 हजार 989 रुपए के चावल की अफरा-तफरी का खुलासा हुआ था।
इस पर राशन संचालक को निलंबित कर दिया गया था। कुछ माह बाद दुकान संचालकों ने खाद्य विभाग में 3 लाख 50 हजार रुपए जमा किए। इसके बाद विभाग ने इस राशन दुकान को फिर से बहाल कर दिया। बहाल करने से पहले कई जरूरी दस्तावेजों की भी जांच नहीं की गई, जबकि कलेक्टर के आदेश में इनकी जांच के लिए कहा गया था।
रायपुर में छत्तीसगढ़ पीडीएस संघ के अध्यक्ष नरेश बाफना ने कहा की खाद्य नियंत्रक ने शासकीय आदेश का पालन नहीं कर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की है। इससे राशन दुकान संचालकों में भारी नाराजगी है। इससे शासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
Published on:
22 Apr 2025 12:20 pm
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