11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रायपुर सहित 19 जिलों में रफ़्तार का कहर! 8 माह में 2960 जानें गईं, यहां हर मोड़ पर हादसा…

CG Accident News: रायपुर प्रदेश के 19 जिलों पर रतार का कहर बरपा है। सड़कों हादसों में जान गंवाने वाले की संया में लगातार इजाफा हो रहा है।

2 min read
Google source verification
रायपुर सहित 19 जिलों में रफ़्तार का कहर! 8 माह में 2960 जानें गईं, यहां हर मोड़ पर हादसा...(photo-patrika)

रायपुर सहित 19 जिलों में रफ़्तार का कहर! 8 माह में 2960 जानें गईं, यहां हर मोड़ पर हादसा...(photo-patrika)

CG Accident News: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के 19 जिलों पर रतार का कहर बरपा है। सड़कों हादसों में जान गंवाने वाले की संया में लगातार इजाफा हो रहा है। राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी से 31 अगस्त 2025 के दौरान 8 महीनों में 6500 हादसों में 2960 लोगों की मौत हुई है। वहीं 5650 लोग घायल हुए है। इसमें पिछले साल की अपेक्षा 505 हादसे में 313 की मौत और घायलों में 782 लोगों का इजाफा हुआ है।

CG Accident News: महासमुंद जिले में सबसे ज्यादा हो रही मौत

इनमें से सर्वाधिक हादसे राजधानी रायपुर और उससे सटे हुए जिलों में हुए हैं। हादसों में सबसे ज्यादा मृतकों की संया महासमुंद जिले की है। इसकी मुय वजह तेज रतार से वाहन चलाने, दोपहिया में हेलमेट एवं कार में सीट बेल्ट के उपयोग के साथ ही हादसों के बाद तत्काल उपचार उपलब्ध नहीं होना है। राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि वाहन चलाते नियमों का पालन नहीं करने की वजह से अधिकांश हादसे हुए हैं। इसे रोकने के लिए दुर्घटनाजन्य स्थानों की पहचान कर सुधार किया जा रहा है। इसके चलते 14 जिलों में हादसों में कमी आई है।

प्रत्येक हादसे की समीक्षा

दुर्घटनाजन्य स्थानों (ब्लैक स्पॉट) को सुधार करने के लिए प्रत्येक हादसे की समीक्षा की जा रही है। साथ ही उसके वास्तविक कारण की जांच करने के बाद उसमें सुधार किया जा रहा है ताकि दोबारा उसकी पुनरावृति को रोका जा सकें। हालांकि रायपुर और उसके आसपास के जिलों में ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग में सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।

धमतरी, बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, बीजापुर, नारायणपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुहीखदान-गंडई, मोहला-मानपुर- अंबागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों में हादसों पर काफी हद तक ब्रेक लगा है। इन जिलों में पहले के मुकाबले कम हादसे हो रहे हैं। प्रदेश में हाइवे पर भारी वाहनों के कारण भी बड़ी संया में हादसे होते हैं। तेज रतार भारी वाहनों की चपेट में आकर लोग अपनी जान गंवा देते हैं।

आंकड़ों में समझिए…

जिला हादसे मृत्यु वृद्धि गत वर्ष की अपेक्षा

रायपुर 1347 424 9.28त्न

दुर्ग 902 246 0.82त्न

बलौदाबाजार 462 206 9.57त्न

बालोद 368 158 8.22त्न

महासमुंद 366 235 29.83त्न

(1 जनवरी से 31 अगस्त 2025 तक) शीर्ष 5 शहर

इन 14 जिलों में हादसों पर लगा ब्रेक

गोल्डन ऑवर में मदद मिलने पर बच सकती है जान

दुर्घटना के बाद गोल्डन ऑवर में घायलों को मदद नहीं मिलने से उनकी जान नहीं बच पाती। किसी भी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए व्यक्ति को एक घंटे के भीतर अगर सही इलाज मिल जाता है तो उसकी जान को कम से कम खतरा होने की संभावना रहती है। गंभीर चोट आने पर घायलों के शरीर से काफी ज्यादा खून निकल जाता है।

जितना ज्यादा खून निकलेगा, उतना ही खतरा बढ़ता चला जाता है। कुछ लोग दुर्घटना से शॉक में चले जाते हैं, जिससे हार्ट अटैक होने की संभावना भी ज्यादा हो जाती है। इसलिए जितना जल्दी हो सके, घायल व्यक्ति को तुरंत इलाज मिल जाना चाहिए।

दुर्घटना वाले जिलों पर फोकस

सर्वाधिक दुर्घटनाजन्य स्थानों और जिलों को फोकस में रहते हुए काम किया जा रहा है। हादसों के कारणों की समीक्षा करने के बाद त्रुटियों को सुधारा जा रहा है। इससे 14 जिलों में पिछले साल की अपेक्षा इसी अवधि में सड़क हादसे कम हुए हैं। उमीद है कि भविष्य में हादसों पर और काबू पाया जाएगा।