मौतों के मामले में भी अप्रैल 2021 ने बीते पूरे साल की बराबरी कर ली है। राजनांदगांव जिले में 30 अप्रैल तक की स्थिति में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 50 हजार के करीब पहुंच गया है। एक मई को यह आंकड़ा 50 हजार के पार भी कर गया। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक की स्थिति का आंकलन करने पर साफ हो जा रहा है। सरकारी और आम लोगों की कोरोना के प्रोटोकाल की अनदेखी करने के चलते इसकी दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई है।
राजनांदगांव जिले में कोरोना का पहला मामला 25 मार्च 2020 को आया था। इसके बाद का अप्रैल के महीने में एक भी केस नहीं था। मई से केस बढऩे शुरु हुए और मार्च 2021 तक के 372 दिनों में जिले में 22 हजार 692 पॉजिटिव प्रकरण हो गए। इस अवधि तक 213 लोगों की मौत हुई थी। पॉजिटिव प्रकरणों में से 20 हजार 718 रिकवर हो गए थे और रिकवरी दर 91.30 था।
इस साल के शुरुआत में कोरोना के मामले कम होने लगे थे और कई-कई दिन तो दो अंकों में केस आए। कम होते कोरोना को देखते हुए लापरवाही बढ़ी और कोरोना फिर परवान चढऩे लगा। इस साल अप्रैल 2021 के 30 दिनों में ही जिले में 26 हजार 841 पाजिटिव केस आ गए। रिकवरी रेट इस महीने 73.41 प्रतिशत रहा और 19 हजार 706 लोग ठीक हुए। इस महीने 208 लोगों की जान कोरोना से चली गई।
अप्रैल 2021 ने पूरे साल भर के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है लेकिन इससे पहले सबसे ज्यादा केस और मौत का मामला सितम्बर 2020 में दर्ज किया गया था। इस महीने 5 हजार 806 पाजिटिव केस आए थे और 60 की मौत हुई थी।
राजनांदगांव जिले में अब तक साढ़े चार लाख से ज्यादा सैंपल की जांच हुई है। इसमें तीन लाख से ज्यादा एंटीजन जांच और करीब सवा लाख आरटी-पीसीआर जांच शामिल है। अकेले अप्रैल महीने में एक लाख 5 हजार 625 जांच हुई है।