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IPS Mamta Gupta: MNC की नौकरी छोड़ बनीं IPS, ऑफिस के साथ की UPSC की तैयारी, कहानी हर लड़की के लिए प्रेरणा

IPS Mamta Gupta: ममता गुप्ता राजस्थान की तेजतर्रार महिला आईपीएस अफसरों में गिनी जाती हैं। मूल रूप से सीकर जिले की रहने वाली ममता ने एमएनआईटी जयपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक किया है।

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IPS Mamta Gupta

IPS Mamta Gupta (Patrika Photo)

IPS Mamta Gupta: राजसमंद: राज्य सरकार की ओर से हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों के किए तबादलों के बाद सवाईमाधोपुर एसपी रहीं ममता गुप्ता ने सोमवार को पदभार ग्रहण कर लिया है। वे शाम पांच बजे राजसमंद एसपी कार्यालय पहुंचीं।


इस दौरान पुलिस के जवानों ने पहले उन्हे गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वे कार्यग्रहण करने अपने ऑफिस पहुंचीं। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी ममता गुप्ता ने कहा, सबसे पहली प्राथमिकता राजसमंद जिले को अपराधमुक्त करना है। राजसमंद संवेदनशील क्षेत्र की श्रेणी में आता है।


साइबर और महिला अपराधों पर लगाएंगी अंकुश

उन्होंने सवालों के जवाब में कहा कि जिले में साइबर और महिला अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में काम करेंगी। इसके अलावा जिले में बढ़ती चोरियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चोरियों की वारदात के मामलों का वे खुद सुपरविजन करेंगी।


इस दौरान पुलिस उपाधीक्षक विवेक सिंह सहित अनेक पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। सभी ने फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक विवेक सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने गुलदस्ता भेंट कर एसपी का स्वागत किया।


एमएनसी की नौकरी छोड़ बनीं आईपीएस


ममता गुप्ता राजस्थान की तेजतर्रार महिला आईपीएस अफसरों में गिनी जाती हैं। मूल रूप से सीकर की रहने वाली ममता ने एमएनआईटी जयपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके बाद वे नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में चीफ डिजाइनर के तौर पर काम करने लगीं।


हालांकि, उनका सपना था कि वे आईपीएस बनें। इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। वे सुबह 5 से 9 बजे तक पढ़ाई करती थीं और फिर ऑफिस जाती थीं। ऑफिस से लौटने के बाद भी पढ़ाई जारी रखतीं। उनका मानना है कि सिविल सेवा में सफलता की दर कम होती है, इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला नहीं किया।


महिला अधिकारी होने के बावजूद नहीं आई दिक्कत


ममता का कहना है कि पुलिस सेवा में महिला या पुरुष होना मायने नहीं रखता। सरकार की ओर से सभी अधिकारियों को समान संसाधन और सहयोग मिलता है। हां, पारिवारिक जिम्मेदारियों और मां की भूमिका के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आती हैं, लेकिन परिवार का सहयोग उन्हें हमेशा मिला।


मेहनत का कोई विकल्प नहीं : ममता गुप्ता


ममता युवाओं को संदेश देती हैं कि पढ़ाई को पूरी मेहनत और लगन से करें। उनका मानना है कि अगर मन में पढ़ने की इच्छा हो, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता। वे कहती हैं, “मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।”


2012 की हैं आईपीएस अधिकारी


गौरतलब है कि ममता गुप्ता 2012 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और करौली व सवाई माधोपुर जैसे जिलों में एसपी की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखने वाली ममता अपने काम के लिए जानी जाती हैं।