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अखिलेश यादव के रामपुर आने पर विरोध का बिगुल बजाने वाले कांग्रेसी नेता को अपनी ही पार्टी से लगा झटका

locationरामपुरPublished: Sep 11, 2019 08:43:17 pm

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Iftekhar

कांग्रेस नेता फैसल लाला के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी
अनुशासनहीनता कमेटी समेत कई विधायकों ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
अखिलेश यादव के रामपुर दौरे का विरोध करने का फैसल लाला ने किया था ऐलान

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रामपुर. उपचुनाव से पहले रामपुर के कांग्रेसियों में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस नेता फैसल लाला को कांग्रेस की अनुशासनहीनता कमेटी समेत कई विधायकों ने कारण बताओ नोटिस जारी करके उनसे जबाब मांगा है। वहीं, फैसल लाला ने उन्हें जबाब दिए बिना कांग्रेस पार्टी की मुखिया सोनिया को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है। फैसल ने नोटिस भेजने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिख दिया है।

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फैसल लाला को मंगलवार को चमरोवा विधानसभा के पूर्व विधायक अली यूसुफ अली ने पत्र लिखा औऱ दो दिन के भीतर उनसे जबाब मांगा। उन्होंने अपने पत्र में फैसल लाला के क्रियाकलापों पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आप कांग्रेस पार्टी के कोई भी पद पर नही हैं। बाबजूद आपने पार्टी के लेटर हैड पर ब्यान जारी करके मीडिया में खबरे पब्लिश करा रहे हैं। पार्टी की तरफ से कोई ऐसी रणनीति नहीं थी कि अखिलेश यादव का विरोध किया जाए। ऐसे में आप अपनी ओर से जारी बयानों का जबाब दें । यही सवाल कांग्रेस कमेटी की अनुशासनहीनता कमेटी के तीन सदस्यों ने भी पत्र जारी कर फैसल लाला से पूछा है। लेकिन फैसल ने किसी के सवाल का जबाब नहीं देते हुए दुबारा से प्रेस नोट जारी कर दिया है। फैसल लाला ने जवाब देने के बजाए कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र भेजकर उन नेताओ की शिकायत की है, जिन्होंने फैसल को पत्र भेजे हैं।

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यह है फैसल लाला के पत्र का मजमून

विषय : उत्तर प्रदेश के कुछ कांग्रेस के नेताओं ने अपने नीजि स्वार्थ में समाजवादी पार्टी के हाथों कांग्रेस को बेच दिया है, शिकायत के संबंध में।

आपके संज्ञान में लाना है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 30 वर्षो से कांग्रेस हाशिये पर है। उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस का वोट लेकर वजूद में आईं हैं और इन दोनों ही पार्टियों को सींचने का काम कांग्रेस के नेता लंबे वक्त से करते चले आ रहे हैं। जब-जब सपा या बसपा उत्तर प्रदेश की सत्ता पे काबिज़ होती है, तब-तब लखनऊ में बैठे कांग्रेस के नेताओं को सरकारी घर और सरकारी ठेकों से लेकर सारी सहूलतें दी जाती हैं। बदले में कांग्रेस के नेता सपा और बसपा को फायदा पहुंचाने के लिए ज़्यादातर सीटों पर डमी प्रत्याशी उतारने की सिफारिश आला कमान से करते हैं। देश की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी पार्टी इसलिए 30 सालों से उत्तर प्रदेश में नहीं पनप पा रही है।

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महोदया, पूरे प्रदेश में जहां भी कांग्रेस के उभरते हुए नौजवान सामने आते हैं। वहां कांग्रेस के वर्तमान विधायक लल्लू सिंह, पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व विधायक राम जियावन, पूर्व विधायक विनोद चौधरी जैसे दल बदलू नेता उन नौजवानों को मिटाने की कोशिश तेज कर देते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण मैं खुद हूँ। यह बात जग ज़ाहिर है कि मैं जन्म से कांग्रेसी हूँ और उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में समाजवादी पार्टी के एक क़द्दावर नेता आज़म खान के ज़ुल्मों के खिलाफ लगभग 8 सालों से मज़लूम जनता की लड़ाई लड़ रहा हूँ। उतनी ही मज़बूती से भाजपा के खिलाफ भी मुखर होकर बोलता हूँ, जिसके Youtube लिंक मौजूद हैं। मैंने लगातार कांग्रेस का झंडा बुलंद रखा है। कई बार जनता की लड़ाई लड़ते-लड़ते जेल भी गया हूँ, जिससे प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के सभी नेता बाखूबी वाकिफ़ हैं। आज़म खान के खिलाफ रामपुर के कमज़ोर मुसलमानों ने लगभग 80 मुकदमे दर्ज कराए हैं और कोर्ट ने उनकी गिरफ़्तारी का आदेश भी दिया है। अब सपा मुखिया अखिलेश यादव अपने दागी नेता को बचाने के लिए रामपुर आकर धरना देना चाहते थे, जिसका विरोध वह पीड़ित परिवार कर रहे हैं, जिनको आज़म ने उजाड़ा था। साथ ही इसी जनहित के बड़े मुद्दे को लेकर हमने भी पीड़ित परिवारों के साथ अखिलेश यादव को विरोध स्वरूप ज्ञापन देने का कार्यक्रम बनाया था, जो अखिलेश यादव और मुलायम सिंह को रास नही आया और उन्होंने हमेशा की तरह हमारी ही पार्टी के कुछ नेताओं का इस्तेमाल करके अपने रामपुर दौरे से पहले हमें पार्टी से निकलवाने के लिए नोटिस दिलवा दिया, जिसको मीडिया में भी प्रसारित कराया गया। ऐसे में एक बार फिर उपरोक्त कांग्रेस नेताओं ने सपा के दबाव में हमें यह संदेश देने की कोशिश की है कि समाजवादी पार्टी के खिलाफ आवाज़ नही उठाना है। महोदया नोटिस में हमारे ऊपर आज़म से व्यक्तिगत लड़ाई लड़ने का आरोप लगाया गया है। ज़रा नोटिस देने वालों से यह पूछा जाए कि यह लड़ाई व्यक्तिगत कैसे हुई? क्या यह मेरी पर्सनल ज़मीन जायदाद की लड़ाई है या मज़लूम जनता को इंसाफ दिलाने की लड़ाई है। यदि नोटिस देने वाले आज़म से मेरी व्यक्तिगत लड़ाई का एक भी सबूत दे दें तो में राजनीति ही त्याग दूंगा।

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अतः हो सकता है कि इस पत्र के बाद कांग्रेस मुझे तत्काल निष्कासित कर दें, लेकिन यह वह कड़वी सच्चाई है, जो आप तक नही पहुंचती है। मैं आपसे गुज़ारिश करता हूँ कि मैं कांग्रेस में रहूँ न रहूँ, लेकिन आप कांग्रेस को बचा लीजिए। मेरे जैसे बहुत से ऐसे नौजवान हैं, जो वास्तव में अपना सबकुछ त्याग कर देश को बचाने के लिए कांग्रेस का झंडा मज़बूती से बुलंद कर रहे हैं और जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। यदि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में जनता की लड़ाई लड़ने वालों को इसी तरह दबाती रही तो वह दिन दूर नहीं, जब देश हमेशा के लिए फ़िरक़ा परस्त ताकतों के हाथों में चला जाएगा।

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