
आजम पर कसा शिकंजाः DM बोले- जल्द ED को सौंपेंगे Azam Khan की संपत्ति का ब्यौरा, देखें वीडियो-
रामपुर. किसानों की जमीन कब्जाने के आरोपों में फंसे रामपुर सांसद आजम खान (Azam Khan) पर शिकंजा कसता ही जा रहा है। अब प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी ने भी सांसद आजम खान पर कार्रवाई और उनसे संबंधित संपत्ति का ब्यौरा तलब किया है। ईडी की ओर से भेजे गए पत्र को लेकर रामपुर जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह अब तैयारियों में जुट गए हैं। उनका कहना है कि बहुत जल्द सांसद आजम खान और उनके करीबी रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर आले हसन समेत जिन लोगों के खिलाफ भी किसानों की जमीन पर कब्जा करने उन्हें धमकाने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए हैं उसके दस्तावेज ईडी को सौंप दिए जाएंगे। इसके लिए उनकी टीम काम कर रही है।
दरअसल, अब तक रामपुर से सपा सांसद आजम खान के खिलाफ किसानों ने 26 मुकदमे दर्ज कराए हैं। इनमें एक मुकदमा राजस्व विभाग के कर्मचारी द्वारा लिखाया गया है तो वहीं एक मुकदमा जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के आदेश पर किसानों की तहरीर पर दर्ज कराया गया है। बता दें कि राजस्व विभाग केे कानूनगो ने थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि हम जौहर विश्वविद्यालय के अंदर जमीन की नापने गए थे। उस दौरान हमें सपाइयों ने धमकाया और हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया। उस दौरान आजम खान भी विश्वविद्यालय में ही थे, लेकिन किसी ने भी सरकारी कार्य में सहयोग नहीं किया।
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इसके अलावा 26 किसानों ने बकायदा अपना हलफनामा लगाकर एक शिकायत डीएम को दी थी, जिसमें कहा गया था कि सपा के शासनकाल में सत्ता के रसूख के चलते आजम खान ने अपने करीबी रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर आले हसन से हमें उठवा लिया और थाने में बंधक बना लिया गया। इसके बाद उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। वहीं कुछ लोगों को जेल में डाल दिया गया। इन गंभीर आरोपों की जांच के बाद डीएम आंजनेय कुमार को पता चला कि आज भी जमीन उन किसानों के नाम पर ही दर्ज है। लेकिन, किसान अपनी जमीन पर नहीं जा सकते हैं और न ही कोई फसल उगा सकते हैं। जैसे ही डीएम के आदेश पर आजम खान के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ तो बाकी किसानों ने भी हिम्मत दिखाते हुए एक-एक करके मुकदमे दर्ज कराने शुरू कर दिए। बता दें कि इन सभी एफआईआर की जांच के लिए एसपी डाॅ. अजय पाल शर्मा ने एक एसआईटी टीम का गठन किया है, जो जांच कर रही है।
मुलायम सिंह यादव ने रखी थी जौहर यूनिवर्सिटी की नीव
उल्लेखनीय है कि 18 सितंबर 2006 को मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की नीव सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रखी थी। उसके बाद से ही यूनिवर्सिटी में काम शुरू हो गया था। इसके बाद बसपा की सरकार आई तो मायावती मुख्यमंत्री बनीं। तब भी तमाम किसानों ने आजम खान पर आरोप लगाए, लेकिन उनके आरोपों को लेकर कोई बड़ा एक्शन आजम खान के खिलाफ नहीं हुआ। अब एक बार फिर से प्रदेश में सत्ता बदली है तो आजम खान पर शिकंजा कसा गया है।
Published on:
24 Jul 2019 05:17 pm
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