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ग्राउंड रिपोर्ट: लॉकडाउन में बेरोजगार हुए श्रमिकों को मनरेगा में भी नहीं मिल रहा काम, लगाया खुद का बाजार

Highlights - जिला मनरेगा अधिकारी का दावा एक अरब रुपये खर्च कर लोगों को रोजगार देने का प्रयास - मजदूर बोले- मनरेगा में नहीं मिलता काम, ग्राम प्रधान अपनों के बनाते हैं जॉब कार्ड - लॉकडाउन के बाद भी परिवार का पेट पालने के लिए भटक रहे मजदूर

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रामपुर. जिला मनरेगा अधिकारी ने रामपुर जिले में मजदूरों को काम देकर करोड़ों खर्च रुपये खर्च कर दिए हैं। सैकड़ों तलाब खुदबा दिए और तमाम सड़कों पर भी काम हो रहा है, लेकिन आज भी बहुत सारे तालाबों पर लोगों का कब्जा है और सड़कें खराब पड़ी हैं, लेकिन लॉकडाउन की मार झेल रहे मजदूर आज भी काम नहीं मिलने के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। गांव के मजदूर मजदूरी करने के लिए नगर व कस्बो के चौराहों पर अपना बाजार लगाते हैं, ताकि मजदूरों की तलाश में आए लोग उन्हें काम पर ले जा सकें। घंटों खड़े रहने के बावजूद इन मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है।

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बाजार लगाने वाले मजदूरों ने बताया कि अगर हमें गांवों में ही काम मिल जाए तो यहां आकर अपना बाजार क्यों लगाएंगे। उन्होंने बताया कि गांव का प्रधान अपने लोगों का जॉब कार्ड बना देता है और बिना काम कराए उनके बैंक अकाउंट में पैसा आ जाता है। वहीं काम दिखाने के लिए गांव के कुछ लोगों से ही काम करवाया जाता है। ये हर पंचायत स्तर पर हर प्रधान करता है। अगर पंचायत स्तर पर गांव के गरीब मजदूरों को काम मिल जाए तो यहां कोई आना पसंद नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि वह रोजाना काम की तलाश में यहां आते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही काम मिलता है। वहीं ज्यादातर लोगों को उल्टे पैर लौटना पड़ता है। उन्होंने बताया कि रही-सही कसर लॉकडाउन ने तोड़ दी है, जो पहले से कुछ जोड़ा था अब वह भी खत्म हो चुका है। अब उनके पास इतने पैसे भी नहीं कि अपने परिवार का पेट पाल सकें।

100 करोड़ से ज्यादा खर्च करने का दावा

जिला मनरेगा अधिकारी प्रभु दयाल ने बताया कि वह 2017 में यहां आए हैं। उनके आने से पहले जिले में करीब 22 करोड़ का काम हुआ था। प्रभु दयाल का दावा है कि उन्होंने मनरेगा के प्रति लोगों को काफी जागरूक किया है। उन्होंने पहले साल ही 52 करोड़ खर्च किए। अब तक वह 82 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वह 100 करोड़ से ज्यादा खर्च करेंगे। प्रभु दयाल ने बताया कि लोग लोकलाज की वजह से गांव में काम नही करना चाहते हैं। वहीं मनरेगा में सप्ताहभर में पैसा मिलता है, जबकि नगर व कस्बो में मजदूरों को तुरन्त मिल जाता है । इन दो वजह से ही मजदूर अपना बाजार लगाते हैं।

जॉब कार्ड के लिए ऐसे करें एप्लाई

मनरेगा के तहत जो मजदूर अपना जाॅब कार्ड बनवाना चाहते हैं, वह सबसे पहले ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधान से अपना एक फार्म लेकर उसे भरें और फिर सेकेट्री या प्रधान के पास जमा कर दें। अगर आपको वह फार्म मुहैया नही करवाते हैं तो आप ब्लाॅक स्तर पर सम्पर्क करके फार्म ले सकतें हैं और उसे भरकर वहीं जमा कर सकते हैं। अगर वहां पर भी कोई दिक्क्क्त आती है तो सीधे मनरेगा सेल में आकर या मुख्यविकास अधिकारी के यहां फार्म भरकर जमा कर सकते हैं। फिर भी बात नहीं बने तो मनरेगा सेल केयर पर काॅल करके अपनी शिक़ायत दर्ज करा सकते हैं।

फैक्ट फाइल

आज की तारीख में इस जिले में 89000 जाॅब कार्ड धारक

40 हजार 2 सौ 80 मजदूर काम कर रहें हैं।

जिले के मजदूरों की स्थित

बिलासपुर विकास खंड में 984

चमरुआ में 2150

मिलक में 5732

सैदनगर में 3699

शाहबाद में 6298

स्वार में 10965

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