
ट्रेन टिकट के 3 हजार रुपए मांगे तो रतलाम के 22 मजदूर घर आने के लिए 1500 किमी पैदल निकले
रतलाम. रतलाम शहर के शिवनगर क्षेत्र के 22 श्रमिक व उनके परिवार के सदस्य बुधवार को जम्मू से करीब 1500 किमी का रास्ता तय करते हुए पैदल ही रतलाम के लिए निकल लिए है। जम्मू की एक टायर फेक्ट्री में काम करने वाले यह मजदूर श्रमिक एक्सपे्रस ट्रेन में आने के लिए पंजीयन करवाए थे, लेकिन इनसे प्रत्येक यात्री तीन तीन हजार रुपए किराया मांग लिया गया। इसके बाद अब यह पैदल ही चले है। गुरुवार सुबह बजे तक यह श्रमिक 25 किमी का रास्ता चल चुके थे।
पैदल चलने वाले राजू देवड़ा, कमजी आदि ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से रतलाम के शिवनगर क्षेत्र के करीब 22 श्रमिक व उनके परिजन जम्मू में फंस गए है। सभी टायर फेक्ट्री में कार्य करते है। कुछ दिन तक तो फेक्ट्री के मालिक ने भोजन आदि की व्यवस्था की, इसके बाद समाजसेवियों के भरोसे छोड़ दिया गया। इसके बाद परेशानी बढ़ गई।
पंजीयन के बाद भी राहत नहीं
राजू देवड़ा ने बताया कि उन्होंने 5 मई को श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन के लिए पंजीयन करवाया था। सभी का पंजीयन हो गया व जम्मू रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे। वहां जाने पर बताया गया कि प्रत्येक यात्री के तीन तीन हजार रुपए लगेंगे, इसके बाद वापस आ गए। इसके बाद रतलाम में क्षेत्र की पार्षद भावना पैमाल के पति हितेश पैमाल से संपर्क साधा गया, पंजीयन में उन्होंने कुछ मदद हो सकें यह प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
विजयनगर में रोका शाम को
शाम तक करीब 22 किमी चलने के बाद सभी मजदूरों को विजयनगर में रोक दिया गया। यहां पर समाजसेवी संगठनों ने इनके भोजन की मदद की है। कमजी के अनुसार थोड़ा थोड़ा चलकर रतलाम पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। जितना होगा चलेंगे, क्योंकि साथ में छोटे बच्चे भी है।
जितनी संभव मदद का प्रयास
जितना संभव है मदद का प्रयास कर रहे है। विजयनगर में सभी श्रमिकों को फिलहाल रुकवाया गया है व भोजन की व्यवस्था करवाई है। जो संभव होगा, मदद का प्रयास कर रहे है।
- हितेश पैमाल, कांगे्रस नेता, गांधीनगर
Published on:
14 May 2020 11:34 am
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