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महाशिवरात्रि पर अनूठा योग, भूलकर मत करना यह पांच काम

locationरतलामPublished: Feb 18, 2020 11:33:05 am

Submitted by:

Ashish Pathak

भारतीय ज्योतिष के अनुसार आराधना या सिद्धी के लिए तीन महारात्रि मानी गई है। इनमे महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस बार अनूठा योग इस दिन बन रहा है। इस योग का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि भूलकर भी पांच काम नहीं किए जाए।

astrology tips about maha shivratri

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रतलाम। भारतीय ज्योतिष के अनुसार आराधना या सिद्धी के लिए तीन महारात्रि मानी गई है। इनमे महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस बार अनूठा योग इस दिन बन रहा है। इस योग का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि भूलकर भी पांच काम नहीं किए जाए। यह बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताई। वे महाशिवरात्रि पर बन रहे योग, पूजन का समय के साथ नहीं किए जाने वाले पांच काम के बारे में बता रहे थे।
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ज्योतिषी वीरेंद्र रावल ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धी योग के साथ ही 117 वर्ष बाद फागुन कृष्ण पक्ष की 14 को एक अनूठा योग बन रहा है। इस बार महाशिवरात्रि पर शनि स्वयं की राशि मकर में है तो शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में है। यह दुर्लभ योग 117 वर्ष बाद आया है। इस योग में माता पार्वती के साथ बाबा महादेव की आराधना विशेष फल देकर हर मनोकामना को पूर्ण करती है।
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IMAGE CREDIT: patrika
महाशिवरात्रि पर पूजन का यह है मुहूर्त

महाशिवरात्रि 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी व 22 फरवरी 2020 की शाम को 7 बजकर 9 मिनट तकरहेगी। व्रत की मासिक शिवरात्रि 21 फरवरी को ही रहेगी। बाबा महादेव को पूजन में अनेक प्रकार की वस्तुएं भक्त चढ़ाते है। लेकिन इस बात की जानकारी कम को है कि कुछ वस्तुएं निषेध है। इन वस्तुओं को भूलकर भी महादेव की पूजन में उपयोग नहीं करना चाहिए।
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भूलकर नहीं करें यह पांच काम

1 – भगवान महादेव को अक्षत यानी साबुत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है, इसलिए यह महादेव को नहीं चढ़ाया जाता है।
2 – जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था। तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से महादेव की पूजा नहीं होती है।
3 – कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है, जबकि भगवान महादेव वैरागी हैं। इसलिए महादेव को कुमकुम नहीं चढ़ता।
4- भगवान शिव की पूजा में केसर, मालती, चम्पा, चमेली, कुन्द, जूही आदि के पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए।
5 – भगवान शिव के पूजन के समय करताल नहीं बजाना चाहिए।

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