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पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने से पहले करें 84 महादेव के दर्शन, खुल जाएगा सोया हुआ भाग्य

मध्यप्रदेश सहित देशभर में इन दिनों पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की जाने वाली शिवमहापुराण कथा को सुना व देखा जा रहा है। पंडित प्रदिप मिश्रा मध्यप्रदेश के रतलाम में 23 से 29 अप्रेल तक कथा सुनाने आने वाले है। प्रतिदिन कथा सुनने के पहले patrika.com पर करें रतलाम में विराजे 84 महादेव के दर्शन।

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before shiv katha by pandit pradeep mishra do 84 mahadev darshan

before shiv katha by pandit pradeep mishra do 84 mahadev darshan

रतलाम. मध्यप्रदेश सहित देशभर में इन दिनों पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा की जाने वाली शिवमहापुराण कथा को सुना व देखा जा रहा है। पंडित प्रदिप मिश्रा मध्यप्रदेश के रतलाम में 23 से 29 अप्रेल तक कथा सुनाने आने वाले है। प्रतिदिन कथा सुनने के पहले patrika.com पर करें रतलाम में विराजे 84 महादेव के दर्शन। कहा जाता है कि इनके दर्शन करने से सोया हुआ भाग्य खुल जाता है।

महाकाल वन की महत्ता और अप्सराओं की शिव आराधना को चित्रित करती है। अप्सराओं द्वारा पूजे गए शिव आराधना से अप्सरा रंभा का शाप दोष दूर हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार नंदन नामक वन में एक बार राजा इंद्र अपनी सभा में दिव्य सिंहासन पर विराजमान हो नृत्य देख रहे थे।

शिव महापुराण के अनुसार 84 महादेव की कथा

दूषण नाम का राक्षस था उसको वर था, कि जहां उसका रक्त गिरेगा वहां पर 84 रूप धारण कर लेगा। शिवमहापुराण के अनुसार 84 महादेव शंकर भगवान की बहन थी श्री प्रिया अर्थात आज इसे क्षिप्रा नदी कहते हैं। दूषण राक्षस को मारने के लिए शंकर भगवान ने कहा कि, अगर श्री प्रिया जल के रूप में आए, तो जैसे ही मैं राक्षस को मारूंगा तो इसका रक्त पानी में घुल जाएगा और इसका जन्म नहीं होगा। अर्थात यह 84 रूप में नहीं बनेगा, जैसे ही शंकर भगवान ने दूषण राक्षस को मारा तो शिप्रा को आने में देरी हो गई तो राक्षस ने 84 रूप धारण कर लिए।

चारो और हाहाकार हो गया

ऐसे में चारो और हाहाकार हो गया। इसे देखकर बहन शिप्रा ने अपने भाई शंकर पर जल की वर्षा कर दी, जैसे ही जल बहा, तो शंकर जी के 84 टुकड़े हो गए और दूषण राक्षस के 84 रूप, का संहार कर दिया यह टुकड़े पूरी उज्जैनी में, महादेव की रूप मैं है। मध्यप्रदेश के रतलाम में भी 84 महादेव के मंदिर है।

चौरासी महादेव का महत्व


महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास आता है, तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार 84 लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में 84 लाख योनियों के भ्रमण में, हम से जो भी दोष हुआ हो, तो इन 84 महादेव के दर्शन करने से सारे दोषो का निराकरण होता है। ऐसा कहा जाता है की प्रलय होने पर 84 महादेव ही अचल रहेंगे।

यहां पढ़ें 84 महादेव के नाम

श्री अगस्तेश्वर महादेव
श्री गुहेश्वर महादेव
श्री ढूंढेश्वर महादेव
श्री डमरूकेश्वर महादेव
श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव
श्री स्वर्णज्वालेश्वर महादेव
श्री त्रिविष्टेश्वर महादेव

श्री कपालेश्वर महादेव

श्री स्वर्णद्वारपालेश्वर महादेव
श्री कर्कोटेश्वर महादेव
श्री सिद्धेश्वर महादेव

श्री लोकपालेश्वर महादेव
श्री मनकामेश्वर महादेव

श्री कुटुम्बकेश्वर महादेव

श्री इंददयुम्नेश्वर महादेव

श्री ईशानेश्वर महादेव
श्री अप्सरेश्वर महादेव
श्री कलकलेशश्वर महादेव

श्री नागचंद्रेश्वर महादेव

श्री प्रतिहारेश्वर महादेव

श्री कुक्कुटेश्वर महादेव

श्री कर्कटेश्वर महादेव

श्री मेघनादेश्वर महादेव

श्री महालयेश्वर महादेव

श्री मुकक्तेश्वर महादेव

श्री सोमेश्वर महादेव

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