16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भूलकर भी मत लेना INDIAN RAILWAY में बेडरोल, यात्रियों को हो रही ये बीमारियां

भूलकर भी मत लेना INDIAN RAILWAY में बेडरोल, यात्रियों को हो रही ये बीमारियां

3 min read
Google source verification
bedroll in train rulles change in hindi

bedroll in train rulles change in hindi

रतलाम। Indian railway अपने यात्रियों के स्वास्थ्य के प्रति जवाबदेह नहीं है। रेलवे यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है। न सिर्फ रतलाम रेल मंडल, बल्कि देशभर में चलने वाली यात्री ट्रेन के वातानुकूलित ट्रेन के डिब्बों में यात्रियों को उपयोग किया गया बेडरोल दिया जा रहा है। असल में एक यात्री उतरता है व दूसरा चढ़ता है तो बाद के यात्री को पूर्व में उपयोग किया हुआ बेडरोल दिया जा रहा है। रेलवे के IRCTC के नियम अनुसार गरीब रथ को छोड़कर शेष अन्य ट्रेन में एसी डिब्बे में टिकट आरक्षित करने पर बेडरोल की सुविधा दी जाती है।

यह भी पढे़ं -IRCTC की चेतावनी, ट्रेन में भोजन लेने से पहले करें ये काम, यात्री बदले में बोले ये बड़ी बात

रेलवे के IRCTC के नियम अनुसार गरीब रथ को छोड़कर शेष अन्य ट्रेन में एसी डिब्बे में टिकट आरक्षित करने पर बेडरोल की सुविधा दी जाती है। इसमे एक तकिया, दो चादर, एक नेपकीन, एक कंबल शामिल रहता है। बेडरोल को लेकर अंतिम बार रेलवे ने नियम में बदलाव 23 सिंतबर 2009 को किया था। आरएसी टिकट वाले को भी बेडरोल देने के आदेश थे।

यह भी पढे़ं -VIDEO ट्रेन की यात्रा हो सकती कष्टकारक, क्योकि इस दिन से देशभर में थम जाएगी ट्रे...

इसलिए हो रहा ये
असल में पूर्व में यात्री जब उतरता था, तब उससे बेडरोल लिया जाता था। तब उतरने के बाद सीट पर आए नए यात्री को नया बेडरोल मिलता था। अब रेलवे स्टेशन आने के 15 से 30 मिनट पूर्व यात्री से बेडरोल ले लेती है। इससे बेडरोल देने वाले कर्मचारी पूर्व के बेडरोल को नए कलेवर में पैक करके दे रहे है। एक बड़ी वजह ठेकेदार से अतिरिक्त बेडरोल नहीं मिलना है।

यह भी पढे़ं -अभी करें रिजर्वेशन, रेलवे ने दी ये सौगात, देश की इन 32 ट्रेन में खाली है सीट

होती है बीमारियां
एक ही बेडरोल के अलग-अलग यात्रियों के उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारी होने का अंदेशा रहता है। किसी को खांसी, खुजली सहित अन्य प्रकार की बीमारी है तो एक ही बेडरोल अन्य यात्री को देने से दूसरे यात्री तक पहुंच रही है। इससे अब कुछ यात्री तो एसी डिब्बे में यात्रा के दौरान स्वयं का कंबल, चादर लेकर चढऩे लगे है। इसकी एक बड़ी वजह इनकी बेहतर सफाई नहीं होना भी है।

यह भी पढे़ं -शनि जयंती 2019: 149 वर्ष बाद बन रहा यह महायोग, इन राशि वालों का बदलेगा भाग्य

नियम यही है
बेडरोल को लेकर नियम वरिष्ठ कार्यालय से बनता है, इसमे मंडल का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है। इसलिए इस नियम में हर प्रकार का बदलाव वरिष्ठ कार्यालय से ही होगा।
- आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक

यह भी पढे़ं - मुंबई निजामुद्दीन राजधानी ट्रेन पर चले पत्थर, महिला यात्री घायल

ये गंभीर मामला है
ये बेहद गंभीर मामला है। इससे अनेक प्रकार के इन्फेक्शन से लेकर अन्य प्रकार की बीमारियां एक यात्री से दूसरे में पहुंचती है। या तो नियम में बदलाव हो या यात्री ही इसमे सावधानी रखें।
- डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल