
Train will have to wait, because these slow projects
रतलाम। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा है कि वर्ष 2019 में किसी भी रेल दुर्घटना में एक भी यात्री का मौत नहीं हुई है। भविष्य में कोई रेल दुर्घटना नहीं हो इसके लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा निर्णय ले लिया है। इसकी शुरुआत रतलाम रेल मंडल से अमलीजामा पहनाते हुए हो गई है। अब रेलवे ट्रैक पर मवेशी या किसी वाहन के आने से कोई दुर्घटना रेल मंडल में नहीं होगी। जो योजना शुरू की गई है उसके लिए रेलवे ने जरूरी निविदा को जारी कर दिया है।
बांउड्रीवॉल का होगा निर्माण
यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे ने रेलपथ के दोनों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को अमलीजामा पहनाते हुए निविदा मंजूर कर दी है। जनवरी से निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाएगी। इसमे शुरुआत में कुल 51.26 किमी रेलपथ पर 2 अरब 77 करोड़ रुपए की लागत से बाउंड्रीवॉल का निर्माण किया जाएगा।
धीमा होता है रेल यातायात
रेलवे ने पटरियों पर बिजली के इंजन से चलने वाली ट्रेन के लिए बिजली के तार लगाए है। यह आए दिन चोरी होते है। इसके अलावा मवेशी भी पटरी पर आकर रेल यातायात को धीमा करते है। इस समस्या को हल करने के लिए करीब चार माह पूर्व भारतीय रेलवे ने निर्णय लिया था की शुरुआत में संवेदनशील व बाद में पूरे रेलवे पथ को बाउंड्रीवॉल से पैक कर लिया जाएगा। इसी कड़ी में मंडल में काम की शुरआत हो गई है। इन बाउंड्रीवाल पर सुरक्षा से जुडे़ संदेश भी लिखे रहेंगे।
शुरुआत संवेदनशील से
इस कार्य के लिए जो शुरुआती निविदा मंजूर हुई है वो प्राथमिकता को ध्यान में रखकर की गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार जहां मवेशी आने की समस्या सबसे अधिक रहती है व जहां बिजली के तार आदि चोरी अधिक पूर्व में हुए है वहां पर सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल निर्माण को प्राथमिकता में लिया गया है। इसके लिए अलग-अलग सेक्शन में किमी के दायरे का चयन किया गया है। इसके अलावा 2023 तक मंडल के पूरे रेलपथ में इस प्रकार की बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कार्य जैसे जैसे पूरा होता जाएगा उस तरह से राशि का प्रावधान होता जाएगा। जहां जहां स्टेशन करीब रहेंगे वहां पर बाउंड्रीवॉल को सुंदर तरीके से सजाया भी जाएगा। जिससे यात्री उसको देख सके।
इस तरह होगा निर्माण
सेक्शन - किलोमीटर - कुल लागत
दाहोद से रतलाम - 5.50 किमी - 27 करोड़ रुपए
गोधरा से नागदा - 20.76 किमी - 1 अरब रुपए
चित्तौडग़ढ़ से बैरागढ़ - 25 किमी - 1 अरब 50 करोड़ रुपए
इस तरह होगा लाभ
- किसी यात्री के पटरी पर आकर कटने का भय नहीं।
- मवेशी आने की समस्या बंद।
- मवेशी आने से इंजन की गति धीमी होना बंद।
- बिजली के ओएचई तार चोरी होने की संभावना कम।
- पटरी या रेल संसाधन चोरी होने की संभावनाएं कम।
बेहतरी के लिए जरूरी है
रेलवे लगातार यात्रियों की बेहतरी के लिए हमेशा नया करती रहती है। यह उसी कड़ी का हिस्सा है। इससे पटरी पर यात्रियों या मवेशी के आने से होने वाली दुर्घटनाएं होना बंद हो जाएगी।
- जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
Published on:
28 Dec 2019 11:31 am
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