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रतलाम. हाल ही में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूर्य नमष्कार से लेकर योग से पीठ को मजबूत करने की बात कही है। मध्यप्रदेश के रतलाम में एक जोड़े को शहर के लोग जीजी व जीजाजी इसलिए कहते है क्योंकि वो योग के माध्यम से अनेक प्रकार की सेवाएं कर रहे है। आपने अब तक लोगों को प्यार से मामाजी, काकाजी, चाचाजी कहते सुना होगा लेकिन जीजी-जीजाजी की सेवा भावी किस्से नही सुने होंगे। जी, शहर में एक दंपती एेसा भी है, जिसकी सेवा भावना से लोग उन्हें जीजी-जीजाजी कह कर पुकारते हैं। यहां तक कि उनकी सेवाओं से प्रेरित होकर मित्र मंडल का नाम ही जीजी-जीजाजी योग मित्र मंडल रख दिया, जो पिछले 10 सालों से लोगों को निरोग रहने के तरीके सीखा रहा है।
रोज सुबह होती है यहां योग की मुद्रा
नेहरु स्टेडियम के सामने स्थित रोटरी गार्डन में रोज सुबह हंसने, गाने, चिल्लाने की आवाज सुनाई देने के साथ ही लोग योग मुद्रा में नजर आते हैं, असल में ये जीजी-जीजाजी मित्र मंडल का नि:शुल्क योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर है। जहां एक दंपती प्रमोद पाठक व इंदू पाठक, जिन्हें लोग प्यार से जीजी और जीजाजी कहते हैंं। वे रोज सुबह लोगों को निरोग रहने के लिए योग व प्राकृतिक चिकित्सा सिखाने के साथ ही इलाज भी करते है। रोटरी गार्डन में एक जाली लगाई है 12 तरह के योगासन किए जा सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा का सामान रखने के दिए बड़ी पेटी का भी इंतेजाम है जिसमें योग व प्राकृतिक चिकित्सा के सभी साधन मौजूद रहते है।
घरेलू सामान से कर सकते हैं इलाज
जीजी-जीजाजी मित्र मंडल की संयोजिका इंदू पाठक (जीजी) ने बताया कि देवास के कमलापुरा गांव में रहने के दौरान गांव के लोग जीजी व जीजाजी कहते थे। प्राकृतिक चिकित्सा के लिए किसी महंगे संसाधनों की आवश्यकता नहीं है। घरेलू सामान जैसे कंघा, बेलन, डंडा, रस्सी, जाली से भी मंास पेशियों के दर्द या खिंचाव को ठीक कर सकते हैं। सरवाइकल, लकवा, सिर दर्द, कमर दर्द सहित अन्य बीमारियों में लाभकारी है। वहीं दैनिक क्रियाओं जैसे हंसना, चिल्लाना, गाना गाने से भी आप शरीर व मानसिक रूप से तनाव मुक्ति मिलती है।
Published on:
07 Feb 2020 11:53 am
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