जिले के आलोट विधानसभा अंतर्गत ताल क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पुलिस ने भंडारे में लगे वाहन जब्त कर लिए। इसके बारे में जब लोगों को पता चला तो जमकर विरोध शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस व आमजन के बीच जमकर बहस भी हुई। बाद में तहसीलदार पहुंचे व लोगों की बात को सुनकर समाधान किया।
Corona virus
रतलाम. जिले के आलोट विधानसभा अंतर्गत ताल क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में मिली छूट के बाद पुलिस ने भंडारे में लगे वाहन जब्त कर लिए। इसके बारे में जब लोगों को पता चला तो जमकर विरोध शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस व आमजन के बीच जमकर बहस भी हुई। बाद में तहसीलदार पहुंचे व लोगों की बात को सुनकर समाधान किया। इस बीच पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लोगों ने भंडारे बंद कर दिए, जो अब मंगलवार से शुरू किए जाएंगे। मामला सोमवार का है।
सोमवार देर शाम को नगर परिषद कार्यालय में तहसीलदार पारसमल कुम्हारा ने थाना प्रभारी अमित सारस्वत, नायब तहसीलदार रमेशचंद्र की मौजूदगी में आमजन के विरोध को समझा। भंडारे के को करने वाले व आमजन ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों व तहसीलदार कुम्हारा को बताया कि पुलिस द्वारा भंडारे के कार्य में लगे लोगों को बगैर कारण के प्रताडि़त किया जाता है। पुलिस खराब शब्दों का प्रयोग करके अपशब्द कहती है। घर के बाहर बैठे लोगों को धमकाया जाता है। पुलिस को अपना व्यवहार सुधारना चाहिए।
सख्ती से समझाइश जरूरी है इस पर तहसीलदार ने कहा कि लॉकडाउन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। थाना प्रभारी सारस्वत ने कहा कि जो लोग कानून तोड़कर बाहर आ रहे है तो उनको सख्ती से समझाइश देना जरूरी है। मारपीट पुलिस ने नहीं की है। बाजार में वाहन लेकर निकलने पर रोक है तो इस नियम को सभी को मानना होगा। यह विरोध का विषय ही नहीं है। यह समय मिलजुलकर सहयोग करने का है।
एक मई से चलेगी ट्रेन, इन स्टेशन पर होगा ठहरावबंद कर दिया भंडारा असल में भंडारे के माध्यम से जरुरतमंद लोग को भोजन वितरण हो रहा है। पुलिस की कार्रवाई व अपशब्द से आहत होकर लोगों ने सोमवार को इसको बंद कर दिया। अब मंगलवार को पुलिस व प्रशासन की समझाइश के बाद इसको शुरू किया जा रहा है। इन सब के बीच ताल में कई समाजसेवी संगठन भोजन के पैकेट का वितरण कर रहे है। पोरवाल समाज ने घर घर जाकर पक्षियों के लिए सकोरे का वितरण किया है।