
Periods in train, life changed, now international award
रतलाम। भारतीय रेल में अक्सर यात्रा के दौरान कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम बात कर रहे है एक अलग विषय की। एक वर्ष पहले ट्रेन में यात्रा के दौरान रतलाम की एक लड़की को मासिक धर्म हुए व पेड की तलाश की। जहां जहां ट्रेन रुकी, वहां पेड उपलब्ध नहीं हो पाए। यात्रा तो जैसे तैसे पूरी कर ली, लेकिन इस एक घटना ने रतलाम की शिवानी सोलंकी की जिंदगी को बदल कर रख दिया। एक अभियान शिवानी ने चलाया, इस अभियान के चलते वज्र अंतर्राष्ट्रीय वल्र्ड रिकॉर्ड शिवानी ने बना दिया।
शिवानी ने पत्रिका को बताया कि एक वर्ष पहले वे ट्रेन में रतलाम से देवास नानी के घर जा रहे थे। इसी बीच उनको पीरियड हुए, समस्या यह थी कि उनके पास पेड नहीं थे। दूसरी समस्या यह आई जब कोड अटेंडर से इस बारे में जानकारी ली तो पता चला कि भारतीय रेलवे में इस समस्या के समाधान के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बाद रास्ते के रेलवे स्टेशन पर तलाश निकाली तो वहां भी कोई पेड उपलब्ध कराने की दुकान या स्टॉल नहीं थी। बस इसके बाद मन पूरी तरह बदल गया।
एक साल तक जोड़ा पाई पाई को
शिवानी ने बताया कि इसके बाद एक साल तक पाई पाई को जोड़ा। करीब 6 हजार रुपए एकत्रित किए। मन में ठान लिया कि चाहे जो हो, अब किसी महिला को ट्रेन में इसके लिए तो परेशान नहीं होने दिया जाएगा कि भारतीय रेलवे में पेड को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। बस इसके बाद पूरे एक साल तक रुपए एकत्रित किए। समस्या तब आई जब बाजार गए। एक पेड कम से कम 30 रुपए का था। इस मामले को सृष्टि सेवा महिला समिति के अध्यक्ष सतीश टांक को बताया। तब जाकर मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय से पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनआरोग्य योजना चलाई है। इसमे एक पेड मात्र 1 रुपए में मिलता है। बस इसके बाद यह मन पक्का हो गया कि सपने पूरे हो जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में अधिक समस्या
इस मामले में बात करते हुए समिति की सदस्य व शिवानी की मित्र पायल, दिव्या श्रीवास्तव, नेहा कुमारी ङ्क्षसह, यामिनी राजावत के साथ सृष्टि सेवा महिला समिति सचिव सुनील मालवीय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में पेड को लेकर जागरुकता का अभाव है। इस बात का एहसास रेलवे स्टेशन पर जब 6 हजार पेड का वितरण किया, तब हो गया। ट्रेन में यात्रा के दौरान शहरी क्षेत्र की महिलाएं तो थोड़ी इसके प्रति जागरुक थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं थोड़ा हिचक रही थी। इसलिए अब सृष्टि समाज सेवा समिति एक नई योजना पर काम कर रही है। सृष्टि समाज सेवा समिति के अनुसार अब ग्रामीण क्षेत्रों में इसके प्रति जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए यह प्रयास कर रहे है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक बनाया जाए। इसके लिए योजना पर काम चल रहा है। इस समय समिति के सदस्य जो कॉलेज के विद्यार्थी है, उनकी परीक्षा चल रही है, इसके बाद बैठक करके योजना पर काम किया जाएगा।
Updated on:
16 Mar 2020 02:53 pm
Published on:
16 Mar 2020 01:26 pm
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