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पितृपक्ष 13 सितंबर से, श्राद्ध के नियम व इससे जुड़ी महत्वपूर्ण तिथि

Pitru Paksha Shraddha 2019 : श्राद्ध या पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने का विशेष समय माना जाता है। इन १६ दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा नहीं करने से पितृ दोष लगता है। पितृ दोष लगने से बनने वाले कार्य बिगडऩे लगते है व रुकावट आती है।

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 Pitru Paksha Shraddha 2019

Pitru Paksha Shraddha 2019

रतलाम। Pitru Paksha Shraddha 2019 : आगामी 13 सितंबर से श्राद्ध की शुरुआत पूर्णिमा तिथि से हो रही है। श्राद्ध या पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने का विशेष समय माना जाता है। इन 16 दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा नहीं करने से पितृ दोष लगता है। पितृ दोष लगने से बनने वाले कार्य बिगडऩे लगते है व रुकावट आती है। जो व्यक्ति पिने दैनिक जीवन में पितर या पूर्वज को याद करता है उनको श्राद्ध में भरपवुर आशीर्वाद मिलता है। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी संजय दुबे ने कही। वे भक्तों को श्राद्ध कर्म व उससे जुड़ी तिथि के बारे में बता रहे थे।

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Ancestors Are Happy : ज्योतिषी संजय दुबे ने बताया कि पितरों के श्राद्ध के लिए कुछ नियम हैं, जिनका अनुसरण करना जरूरी है। इन नियम का पालन करते हुए श्राद्ध कर्म किया जाए तो पूर्वज प्रसन्न होते है। कई बार अनेक लोगों को अपने पूर्वज या पितर की तिथि ठीक से याद नहीं रहती, जब इस प्रकार के अवसर हो तो ये बेहतर है कि तांबे के कलश में जल लेकर काले तिल डालकर पीपल में पूर्वज व पितर के नाम दिया जाए। इससे भी पूर्वज प्रसन्न होते है।

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श्राद्ध में नहीं करें भूलकर ये काम


Do Not Forget To Do This Work In Shraddh

- पुराण अनुसार देश में अलग मान्यताएं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक का स्थान दक्षिण दिशा में होता है। इस वजह से पूरा श्राद्ध कर्म करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

- पितर की तिथि के दिन सुबह या शाम में श्राद्ध न करें, यह शास्त्रों में वर्जित है। श्राद्ध कर्म हमेशा दोपहर में करना चाहिए। इसके लिए दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 15 मिनट का समय तय है।

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ये हैं श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां


These Are Important Dates Of Shraddha

श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां 13 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध
15 सितंबर- द्वितीय श्राद्ध
17 सितंबर- तृतीया श्राद्ध
18 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध

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19 सितंबर- पंचमी श्राद्ध
20 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध
21 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध
22 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध
23 सितंबर- नवमी श्राद्ध

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24 सितंबर- दशमी श्राद्ध
25 सितंबर- एकादशी श्राद्ध/द्वादशी श्राद्ध/वैष्णव जनों का श्राद्ध
26 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध
27 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध
28 सितंबर- अमावस्या श्राद्ध, अज्ञात तिथि पितृ श्राद्ध, पितृविसर्जन महालय समाप्ति

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