
SBI customer meeting ceremony in Ratlam
रतलाम। सरकार के आदेश पर रतलाम में एसबीआई ने ग्राहक मिलन समारोह का आयोजन किया। यह आयोजन रस्मअदायगी बनकर रह गया। इसमे बैंक के करीब 6 लाख उपभोक्ता में से सिर्फ 60 ग्राहक आए। बैंक ने इसका प्रचार प्रसार ही बेहतर तरीके से नहीं किया।
SBI : एसबीआई का अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा तोहफा
देश की सबसे पुरानी सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने शुक्रवार को निजी होटल में ग्राह मिलन समारोह आयोजित किया। प्रचार-प्रसार के अभाव में आयोजन में सिर्फ 60 ग्राहक आए, जबकि जिले में बैंक के छह लाख से अधिक खातेदार हैं। निर्देश थे कि आयोजन के लिए ईमेल से लेकर एसएमएस से इस बारे में सूचना दी जाए, जबकि बैंक ने सिर्फ एक सूचना अपने कार्यालय में लगा दिया था। जो ग्राहक आए, वे भी बैक की कार्यप्रणाली से नाराज रहे व जमकर शिकायत की।
बैंक की शक्ति उसके ग्राहक
आयोजन में सहायक प्रबंधक अजय गर्ग ने बताया कि उनका संगठन 50 लाख रुपए तक कारोबार से लेकर घर के लिए ऋण देता है। इस प्रकार के कर्ज को कम समय में देने के मामले में एमपी में रतलाम नंबर एक पर है। उपमहाप्रबंधक उमाशंकर कोहले ने कहा कि बैंक को चलते हुए 200 से अधिक वर्ष हो गए है। उसकी शक्ति ग्राहक है। हमारे पास विश्व के सबसे अधिक 67 करोड़ खाते हंै। हम 200 करोड़ खाते करने की सामर्थ रखते है। बैंक अनेक योजनाएं लाया है व आगे लाने वाला है। सबसे बेहतर योनो एप है जिसमे किसी प्रकार का छल या धोखा उपभोक्ता के साथ नहीं हो सकता।
ग्राहकों को बताया निराकरण
उपमहाप्रबंधक ने कहा कि अब जीवित होने के प्रमाण पत्र का कार्य ऑनलाइन कर दिया गया है। किसी को समस्या हो तो ब्रांच में संपर्क कर सकता है। फिंगरप्रिंट की समस्या के समाधान के प्रयास जारी है। जहां तक एटीएम नहीं मिलने की बात है तो इस बारे में लिखित में शिकायत की जाए। समाधान किया जाएगा। कोहले ने पत्रिका को बताया कि निजी बैंक से प्रतिस्पर्धा चल रही है। इसके बाद भी हमारी सर्विस अन्य बैंक से बेहतर है। हम सेवा करते है, अन्य बैंक की तरह कारोबार नहीं करते।
एटीएम से आ रहे फटे नोट
रेलवे रिटायर्ड मैन्स एसोसिएशन के केआर बरमेचा ने कहा कि एटीएम से फटे नोट की शिकायत की थी। वह ठीक तो हुई है, लेकिन पूरी तरह से संतुष्टि नहीं है। अब तक सेवानिवृत अनेक पूर्व कर्मचारियों को एटीएम कार्ड नहीं मिले है। जबकि बार बार इस बारे में कहा जा रहा है।
हर बैंक का अलग नियम क्यों
उपभोक्ता केएन बोरकर ने कहा कि हर ब्रांच में जीवित होने के प्रमाण पत्र के अलग नियम क्यों है। कुछ वृद्ध अंगूठा सही नहीं लगा पा रहे, उनके लिए क्या योजना है, कुछ में फोटो मांग रहे है, जबकि कुछ बगैर फोटो के फॉर्म भरवा रहे है।
Published on:
23 Nov 2019 11:16 am
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