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शिवरात्रि विशेष VIDEO : संतान के लिए शिवरात्रि पर यहां मिलती है खीर

आगामी 21 फरवरी को देश व दुनियां में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के धराड़ स्थित महाकाल मंदिर में इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। परमारकालीन इस मंदिर में शिवरात्रि पर विशेष खीर की प्रसादी उन महिलाओं को दी जाती है जिनके विवाह के कई वर्षो बाद तक संतान नहीं होती है। इस मंदिर के अंदर से उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में जाने के लिए प्राचिन गुफा मार्ग भी बना हुआ है।

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shivaratri special video

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रतलाम (धराड़ )। आगामी 21 फरवरी को देश व दुनियां में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के धराड़ स्थित महाकाल मंदिर में इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। परमारकालिन इस मंदिर में शिवरात्रि पर विशेष खीर की प्रसादी उन महिलाओं को दी जाती है जिनके विवाह के कई वर्षो बाद तक संतान नहीं होती है। इस मंदिर के अंदर से उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में जाने के लिए प्राचिन गुफा मार्ग भी बना हुआ है। यहां पर 11 पंडितों द्वारा सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक व अंतिम प्रहर में भस्म आरती का आयोजन के साथ 23 को गंगाजल कलश यात्रा व महाप्रसादी का आयोजन होगा।

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धराड़ के प्राचीन परमार कालिन महाकाल मंदिर शिवरात्रि पर्व को मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। यहां पर 48वां महारुद्र यज्ञ की शुरुआत 17 फरवरी से होगी। सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक 11 पंडितों द्वारा करवाया जाएगा। २३ फरवरी को गंगाजल कलश यात्रा के साथ महाप्रसादी का आयोजन होगा। इस मंदिर को महाकाल मंदिर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसके गर्भगृह से उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर तक जाने के लिए अतिप्राचिन गुफा बनी हुई है।

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परमार काल में बना था मंदिर
12 वी सदी ई. में परमारकालीन राजाओं द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर के गर्भगृह में अद्वितीय पंचमुखी शिवलिंग भी स्थित है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार सन 1952 में संत सुंदरगिरी महाराज के मार्गदर्शन में ग्रामीणजनों के सहयोग द्वारा कराया गया था। अगस्त 1977 में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा इस मंदिर को अधिग्रहित किया गया था। पिछले 48 वर्षों से प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर यहां पंचकुंडात्मक सातदिवशिय महारुद्र यज्ञ होता है व अंतिम दिवस महाप्रसादी भंडारे का आयोजन होता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसके गर्भगृह में उज्जैन के महाकाल मंदिर तक जाने के लिए गुफा मार्ग बना हुआ है।

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एक सप्ताह का होगा आयोजन

शिवरात्रि के उपलक्ष्य में सात दिवसीय पंचकुंडात्मक महारुद्र यज्ञ का आयोजन होगा। महांकाल मंदिर यज्ञ समिति अध्यक्ष राजाराम पाटीदार द्वारा बताया गया कि मन्दिर पर 48 वां महारुद्र यज्ञ का प्रारंभ 17 फऱवरी से होगा। महाशिवरात्रि 21 फऱवरी की शाम भगवान महाकाल की शाही सवारी नगर से होकर निकाली जाएगी। रात्री में 11 पंडितों द्वारा सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक व अंतिम प्रहर में बाबा की भस्म आरती कर भन्डारा व महाप्रसादी वितरण की जाएगी।

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गंगाजल कलश यात्रा निकलेगी

23 फऱवरी को गंगाजल कलश यात्रा गांव में निकाली जाएगी। यहां पर सन्तान प्राप्ति के इच्छुक विवाहित महिलाओं को सात दिनों तक मुख्य अग्नि कुंड में पककर तैयार की गई खीर प्रसादी पिलाई जाएगी। जिसमें महाकाल मंदिर यज्ञ समिति के अध्यक्ष राजाराम पाटीदार व समिति सदस्यों ने ग्रामीणजनों व भक्तों से मंदिर का दर्शन व धर्म लाभ लेने का आग्रह किया है।

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