कालिका माता सेवा मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष राजाराम मोतियानी के अनुसार कालिका माता ंमंदिर परिसर में बीते 72 साल में पहली बार ऐसी परिस्थिति बनी है कि परिसर में गरबे नहीं हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे इस संस्थान से वर्ष 1948 से जुड़े हैं। इसके बाद से आज तक नगर में कफ्र्यू की स्थिति पैदा हुई, लेकिन इस दौरान भी माता के दरबार में गरबे की परंपरा को कायम रखा। इस बार कोरोना वायरस के चलते लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासन के निर्देशों का पालनार्थ अभी तक सभी आयोजन निरस्त कर दिए हैं। मंदिर में पूजा-अर्चना के रूटीन के कार्य होंगे।
कोरोना वायरस के चलते इस बार लोग नवरात्रि की आराधना घर में रहकर करेंगे। पंडि़त संजय दवे के अनुसार लोगों को माता की आराधना करना है वे मंत्रोच्चार के साथ पूजा करना चाहते हैं वे मंत्रोच्चार के सोशल मीडिया व यू ट्यूब का उपयोग कर सकते हैं। माता दुर्गा चालीसा आदि का पाठ कर सकते हैं। कोरोना वायरस के चलते इस बार सभी सामाजिक आयोजन निरस्त होने से इस बार नागरिकगण घरों में रहकर भजन-कीर्तन के साथ इस पर्व को मनाते हुए दाल-बाटी आदि का आनंद लेंगे। आरएसएस भी पहली बार गुड़ी पड़वा पर्व नहीं मनाएगा व स्वयं सेवक घर में रहकर उत्सव मनाएंगे।