
रतलाम.कोरोना वायरस में लगे लॉकडाउन ने वर्क फ्रॉम होम का महत्व बढ़ाया है। इससे कामकाज की एक नई राह खुली है। रेल मंडल की बात करें तो यहां पर इस प्रक्रिया से जहां कर्मचारी के कामकाज की गुणवत्ता बढ़ी है वहीं उच्चदाब वाले रेल मंडल कार्यालय का बिजली बिल भी कम हुआ है। मंडल के अधिकारी भी इस बात को मान रहे है कि घर पर कार्य करने से कर्मचारी का परिवार तो प्रसन्न हुआ ही है, इसके अलावा कर्मचारी के व्यवहार में भी आश्चर्यजनक सुधार हुआ है।
मंडल में ट्रेन लाइटिंग कार्य में काम करने वाली रंजीता वैष्णव के अनुसार पहले नियमित रुप से ड््यूटी के समय पहुंचना होता था। पति भी कार्य करते है, तो परिवार को समय रात में दो से तीन घंटे ही दे पाते थे। अब लॉकडाउन हुआ व ट्रेन का परिचालन बंद हुआ तो स्टेशन जाने की जरुरत ही नहीं रही, इससे परिवार खास करके बच्चें खुश हो गए। उनको लंबे समय बाद सप्ताह में एक दिन के बजाए हर रोज मां का स्नेह भरपुर मिला। जनसंपर्क निरीक्षक का काम करने वाले मुकेश पांडे कहते है। पांडे के अनुसार सुबह 9.30 बजे कार्यालय आने के लिए 9 बजे से घर से निकलते थे, शाम को कभी 7 तो कभी 8 बजती थी। परिवार में डेढ़ वर्ष की बेटी है, अब उसको पूरा समय दे पा रहे है।
लेखन चल रहा नियमित
जेसी बैंक में निदेशक इंदू सिन्हा के अनुसार नियमित रुप से लेखन की आदत है। परिवार में बहु की शिकायत रहती थी की सास समय नहीं देती, लॉकडाउन में बहु की यह शिकायत दूर कर दी। इसके अलावा नियमित लेखन की जो आदत है, वो पूरी हो गई।
खपत हुई कम
रेल मंडल कार्यालय में बिजली की खपत कम हो गई। फरवरी माह में जहां मंडल कार्यालय में बिजली का बिल 2.81 लाख रुपए आया था वो अप्रेल माह में कम होकर 2.12 लाख रुपए मात्र हो गया। इतना ही नहीं, यहां पर कर्मचारी स्वयं के व्यय से पेयजल लेकर आते थे, वो व्यय कर्मचारी का कम हो गया है।
कार्य की गुणवत्ता बढ़ी
लॉकडाउन ने भले सामाजिक रुप से एक दूसरे से मिलने पर रोक लगा दी हो, लेकिन इससे कार्यालय बा बिजली बिल कम होने के साथ साथ कर्मचारियों के कार्य की गुणवत्ता बढ़ी है। अब कर्मचारी परिवार को पूरा समय दे पा रहा है व इससे कार्य के प्रकार में भी सुधार हुआ है।
- विनित गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक
Published on:
19 May 2020 12:48 pm
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