एकसमान होती है हॉबी
हर तरह की मस्ती, मजाक और शैतानी में यदि आपका पार्टनर साथ दे तो इसका यह मतलब हो सकता है कि वह भी उन ही बातों को पसंद करे। ऐसे पार्टनर जो शादी के बंधन में बंधने से पहले अच्छे दोस्त रहे हों। उनके रिश्ते की खास बात यह है कि वे एक-दूसरे की जरूरत को अच्छे से जानते और समझते हैं। ज्यादातर कपल्स मानते हैं कि दोस्त तभी बनते हैं जब सामने वाले में आपको आपकी जैसी हॉबी मिले। खासतौर पर घूमना, कुछ नया करने की जिद्द, माउंटेनियरिंग, डांसिंग, बाइकिंग, गाने सुनना आदि ऐसी हॉबी हैं जो एक दूसरे में पसंद आती है।
हर तरह की मस्ती, मजाक और शैतानी में यदि आपका पार्टनर साथ दे तो इसका यह मतलब हो सकता है कि वह भी उन ही बातों को पसंद करे। ऐसे पार्टनर जो शादी के बंधन में बंधने से पहले अच्छे दोस्त रहे हों। उनके रिश्ते की खास बात यह है कि वे एक-दूसरे की जरूरत को अच्छे से जानते और समझते हैं। ज्यादातर कपल्स मानते हैं कि दोस्त तभी बनते हैं जब सामने वाले में आपको आपकी जैसी हॉबी मिले। खासतौर पर घूमना, कुछ नया करने की जिद्द, माउंटेनियरिंग, डांसिंग, बाइकिंग, गाने सुनना आदि ऐसी हॉबी हैं जो एक दूसरे में पसंद आती है।
पहले से जानते हैं एक-दूसरे का अतीत
शादी ब्याह के ज्यादातर मामलों में बिगड़ते रिश्तों में अनजाना अतीत एक कारण बनकर आता है। लेकिन गौर किया जाए तो जो कपल एक-दूसरे को पहले से जान लेते हैं उन्हें एक-दूसरे के बारे में सब पता होता है। माना जाता है कि पति या पत्नी को अपने बारे में सभी जानकारी दे दो तो ज्यादा सही रहता है। लेकिन यदि पति या पत्नी में आपको एक अच्छा दोस्त मिल जाए तो जीवन में खुशियां ज्यादा और झिझक कम हो जाती हैं। अरेंज मैरिज में भी अब कपल एंगेजमेंट और मैरिज के बीच के समय को एक दूसरे को जानने में बिताते हैं। इस कारण दोनों की बातों को समझ पाते हैं।
शादी ब्याह के ज्यादातर मामलों में बिगड़ते रिश्तों में अनजाना अतीत एक कारण बनकर आता है। लेकिन गौर किया जाए तो जो कपल एक-दूसरे को पहले से जान लेते हैं उन्हें एक-दूसरे के बारे में सब पता होता है। माना जाता है कि पति या पत्नी को अपने बारे में सभी जानकारी दे दो तो ज्यादा सही रहता है। लेकिन यदि पति या पत्नी में आपको एक अच्छा दोस्त मिल जाए तो जीवन में खुशियां ज्यादा और झिझक कम हो जाती हैं। अरेंज मैरिज में भी अब कपल एंगेजमेंट और मैरिज के बीच के समय को एक दूसरे को जानने में बिताते हैं। इस कारण दोनों की बातों को समझ पाते हैं।
एक साथ ही जाएं कहीं
शादी होने के बाद यदि पार्टनर को बिजनेस टूर से या फैमिली फंक्शन से २-४ दिन बाहर जाना पड़े तो अक्सर पार्टनर और दोस्त की याद आती है। ऐसे में यदि आपका पार्टनर ही आपका सबसे अच्छा दोस्त हो तो बॉन्डिंग काफी अच्छी होती है। एक दूसरे का साथ अच्छा लगता है।
शादी होने के बाद यदि पार्टनर को बिजनेस टूर से या फैमिली फंक्शन से २-४ दिन बाहर जाना पड़े तो अक्सर पार्टनर और दोस्त की याद आती है। ऐसे में यदि आपका पार्टनर ही आपका सबसे अच्छा दोस्त हो तो बॉन्डिंग काफी अच्छी होती है। एक दूसरे का साथ अच्छा लगता है।
इशारों में हो जाती है बात
वैसे तो बात एक दूसरे को समझने को होती है लेकिन पार्टनर शादी के बाद और पहले से अच्छे दोस्त की तरह आपसे रिश्ता रखता है तो आपको एक दूसरे की बातें और जरूरतें बिन कहे ही समझ में आने लगेंगी। पार्टनर की बात को सिर्फ देखने भर से समझा सकते हैं।
वैसे तो बात एक दूसरे को समझने को होती है लेकिन पार्टनर शादी के बाद और पहले से अच्छे दोस्त की तरह आपसे रिश्ता रखता है तो आपको एक दूसरे की बातें और जरूरतें बिन कहे ही समझ में आने लगेंगी। पार्टनर की बात को सिर्फ देखने भर से समझा सकते हैं।
हर स्थिति में साथ
कभी कभार यदि पार्टनर का स्वभाव चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो तो नवविवाहित पति या पत्नी यह समझ नही पाते हैं कि कैसे इस स्थिति को संभाला जाए। वहीं इस स्थिति में आपका दोस्त भलीभांति जानता है कि कैसे गुस्से को कम किया जाए और सामान्य हुआ जाए।
कभी कभार यदि पार्टनर का स्वभाव चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो तो नवविवाहित पति या पत्नी यह समझ नही पाते हैं कि कैसे इस स्थिति को संभाला जाए। वहीं इस स्थिति में आपका दोस्त भलीभांति जानता है कि कैसे गुस्से को कम किया जाए और सामान्य हुआ जाए।