
Kartik Snan Ke Niyam : तुलसी पूजन और कार्तिक स्नान (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Kartik Snan Ke Niyam : हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास आठवां महीना है। कार्तिक का पवित्र महीना आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस महीने में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। हिंदू परंपरा में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और अनुष्ठानों में तुलसी के पौधे का उपयोग गहराई से निहित है। इसकी पत्तियों का उपयोग हिंदू अनुष्ठानों में प्रयुक्त पवित्र जल को शुद्ध करने के लिए किया जाता है और इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
पवित्र तुलसी के पत्तों से मालाएँ भी बनाई जाती हैं, जिनका उपयोग धार्मिक आयोजनों और त्योहारों पर मूर्तियों और मंदिरों को सजाने के लिए किया जाता है। एक अन्य मान्यता यह भी है कि तुलसी का पौधा समृद्धि, धन और सौभाग्य की देवी, देवी लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप है। इसलिए, कई लोग इसे एक पवित्र पौधा मानते हैं जिसकी देखभाल श्रद्धा और देखभाल से करनी चाहिए। हिंदुओं का मानना है कि पवित्र तुलसी की पूजा करने से समृद्धि, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यहाँ बताया गया है कि आप पवित्र कार्तिक मास के दौरान तुलसी के पौधे की पूजा कैसे कर सकते हैं ताकि आपके जीवन में सौभाग्य आए।
जल चढ़ाएं: स्नान के बाद कार्तिक मास की सबसे महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है तुलसी को जल चढ़ाना। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन रविवार को तुलसी को जल चढ़ाना उचित नहीं है।
घी का दीपक जलाएं: इस पूरे महीने में सुबह और शाम तुलसी महारानी के सामने घी का दीपक जलाने का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तुलसी पूजा करें: पूरे महीने में तुलसी की पवित्रता बनाए रखने के लिए सुबह और शाम को तुलसी की पूजा की जाती है। इस अनुष्ठान के अंतर्गत, तुलसी के गमले पर स्वस्तिक का चिह्न लगाना चाहिए।
तुलसी के पौधे की दिशा: सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए तुलसी के पौधे को घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखने की भी सलाह दी जाती है।
तुलसी विवाह: कार्तिक मास में तुलसी महारानी और शालिग्राम का प्रतीकात्मक विवाह होता है, जो भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के दिव्य मिलन का प्रतीक है। तुलसी विवाह समारोह में, तुलसी माता की चुनरी बदलने की प्रथा है। वहीं अगर चुनरी किसी कारण से गंदी या पुरानी हो जाए, तो उसे बदला जा सकता है।
साफ-सफाई सुनिश्चित करें: अपने घर में जहां तुलसी महारानी स्थापित हैं, उस जगह की सफाई जरूर करें। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
कार्तिक महीना भगवान विष्णु को बहुत प्रिय माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु अपने मत्स्य अवतार (मछली के रूप) में जल में निवास करते हैं। इसलिए कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी या घर पर स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
यह भी कहा जाता है कि कार्तिक स्नान और पूजा करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। जो भक्त नियम से इसका पालन करते हैं उनके पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
लेकिन इन फायदों के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है
सूर्योदय से पहले स्नान करें – कार्तिक स्नान का पूरा फल तभी मिलता है जब आप सूर्योदय से पहले स्नान करें।
गायत्री मंत्र का जाप करें – स्नान के दौरान या बाद में गायत्री मंत्र का जाप ज़रूर करें।
तुलसी पूजा करें – स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करें और उसकी परिक्रमा करें। शाम को तुलसी के सामने घी का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है।
(ध्यान रखें: रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए।)
सात्त्विक भोजन करें – इस महीने राई, खटाई, शराब जैसी चीज़ों से दूर रहें।
मांस और बासी भोजन वर्जित है – कार्तिक स्नान करने वाले को मांसाहार, बासी या जूठा खाना नहीं खाना चाहिए।
Published on:
08 Oct 2025 04:20 pm
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