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‘पापा को पीटते थे सूदखोर, एक दिन घर लौटे और मां को कोल्डड्रिंक दिया और बोले सबको पिला दो’

राह चलते सूदखोर ब्याज के लिए किसान की करते थे पिटाई, जलालत से तंग आकर परिवार के साथ कर ली खुदकुशी

रीवाSep 16, 2019 / 03:04 pm

Muneshwar Kumar

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रीवा/ मध्यप्रदेश में बेकाबू सूदखोरों की प्रताड़ना की दास्तां हम आपको लगातार दिखा रहे हैं। कैसे साहूकारों के ब्याज तले दबे लोग मौत को गले लगा रहे है। वहीं, कई ऐसे भी लोग हैं, जिनकी पूरी कमाई साहूकारों के ब्याज भरने में ही चली जा रही है। लेकिन सूदखोरों के सूद से उन्हें मुक्ति नहीं मिल रही है। सरकारी वायदे भी पीड़ित लोगों से दूर हैं। #KarjKaMarj सीरीज में हम आपको आज एक ही ऐसे ही परिवार की कहानी बताएंगे, जिसका साहूकारों ने सबकुछ बर्बाद कर दिया।
सूदखोरी से तबाह परिवार अब दाने-दाने को मोहताज हो गया है। प्रशासन की संवेदनहीनता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या मिलेगा जब चार माह बाद भी इस परिवार को ढेला भर की आर्थिक सहायता नहीं मिली। परिवार के तीन सदस्य सूदखोरी के चक्कर में अपना जीवन समाप्त कर चुके है। जो जिंदा बचे हैं उनकी जिंदगी नरक से बदतर है। उनके सामने अब जीविका चलाने का संकट खड़ा हो गया है। वहीं साहूकार अभी भी पिता द्वारा लिए कर्ज को वापस करने के लिए लगतार धमका रहा है।
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अशोक प्रजापति ने परिवार समेत पी लिया था जहर
यह कहानी रीवा जिले गढ़ थाने के घूमा गांव में रहने वाले एक गरीब परिवार की है। वह साहूकार से कर्ज लेने के बाद उसे अदा नहीं कर पाया। साहूकारों की धमकियों व मारपीट सहमे परिवार के मुखिया अशोक प्रजापति पिता परदेशी प्रजापति (35) ने 24 मई को कोलड्रिंक में जहर मिलकर पत्नी व तीन बच्चों को पिलाने के बाद खुद भी उसका सेवन कर लिया। मुखिया के साथ पत्नी सुनीता प्रजापति व बेटे अनिल प्रजापति की मौत हो गई जबकि उसकी पुत्री अनीता प्रजापति (15) व संदीप प्रजापति (10) बच गए।
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परिवार की मुश्किलें नहीं हुईं कम
इस परिवार की मुश्किलें यही पर कम नहीं हुई। घटना के दिन आर्थिक मदद के लिए कई हाथ बढ़े लेकिन मदद के नाम पर इस परिवार को एक पाई नहीं मिली। चार माह से यह परिवार प्रशासनिक सहायता का इंतजार कर रहा है जिसका दावा लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर आए नेताओं और अधिकारियों ने किया था।
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अभी भी लगातार धमका रहा साहूकार
परिवार के मुखिया के मरने के बाद अब आमदनी का सहारा भी छीन गया है। पूरा परिवार किसी तरह दो वक्त की रोटी जुगाड़ कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है। परिजनों की मानें तो घटना के बाद कोई भी अधिकारी उनके घर में झांकने तक नहीं आया। मुश्किल यही पर कम नहीं हुई है। जिन साहूकार से उन्होंने कर्ज लिया था वे लगातार परिवार को कर्ज अदा करने के लिए अभी भी धमका रहे हैं। पाई-पाई को मोहताज परिवार के पास अब साहूकार का कर्ज अदा करने के लिए एक रुपए नहीं हैं। जिससे वे सहमे हुए हैं।
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ये थी घटना
दरअसल, रीवा जिले गढ़ थाने के घूमा में रहने वाला अशोक प्रजापति घर से करीब 500 मीटर दूर कटरा पंचायत में ईंट का भट्ठा लगाता था। इसके लिए उसने कटरा के ही साहूकार से कर्ज लिया था। साहूकार पैसे वापस करने के लिए लगातार धमका रहा था। जिससे परेशान होकर आशोक 24 मई 2019 को कोल्डड्रिंक लेकर घर आया था जिसमें जहर मिलाया हुआ था। उसने अपने बच्चों, पत्नी के साथ खुद उसका सेवन कर लिया। कोल्डड्रिंक पीने के बाद अशोक प्रजापति की मौके पर मौत हो गई। उसकी पत्नी ने गंगेव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व पुत्र अनिल ने संजय गांधी अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
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ढाई लाख का लिया था कर्ज
इस परिवार ने ईंट भट्ठा लगाने के लिए कटरा के साहूकार विजय गुप्ता ने ढाई लाख का कर्ज लिया था, जिसमें पिता और पुत्र दोनों का कर्ज शामिल था। कर्ज लेने के बाद पीडि़त अशोक प्रजापति ने ईंट का भट्ठा लगाया लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव के कारण आचार संहिता प्रभावशील रही जिससे पंचायतों में होने वाले काम बंद रहे। फलस्वरूप वह ईंटों की बिक्री नहीं हुई जिससे वह कर्ज अदा नहीं कर पाया है। कर्ज लेने के बाद उसके पिता को टीबी रोग हो गया जिससे पिता का भट्ठा नहीं लग पाया।

साहूकार लगातार दे रहा था धमकी, दो दिन पूर्व की थी मारपीट
अपने कर्ज को वसूलने के लिए साहूकार लगातार धमकियां दे रहा था। आए दिन घर आकर परिवार के लोगों को धमकियां देता था। घटना के दो दिन पूर्व ही उसने पीड़ित को धमकाते हुए मारपीट की थी। इससे वह सहम गया था। कर्ज चुकाने का कोई रास्ता उसे नजर नहीं आया और उसने अपने साथ पूरे परिवार का जीवन समाप्त करने का कठोर निर्णय ले लिया।

ब्याज वसूला लेकिन बरकरार रहा कर्ज
इस परिवार की मानें तो उन्होंने साहूकार विजय गुप्ता से पांच प्रतिशत ब्याज पर रुपए उधार लिए थे। रुपए लेने के बाद वह अक्सर ब्याज के पैसे कभी पांच, दस व बीस हजार ले जाता था। इसके बाद भी परिवार का कर्ज बरकरार रहा। हालांकि ब्याज के पैसे वह कितने ले गया है यह परिवार के लोगों को नहीं मालूम है।
सूदखोर की धमकी से अब ईंट नहीं बेच पा रहा परिवार
सूदखोर की धमकी से अब पीडि़त परिवार ईंटों की बिक्री नहीं कर पा रहा है। दरअसल, अशोक प्रजापति ने घूमा के दूसरे साहूकार बब्बू पाण्डेय से भी पचास हजार रुपए का कर्ज लिया था, जिसे अदा करने से पहले ही उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद अब परिवार ईंटों की बिक्री करना चाहता है लेकिन बब्बू पाण्डेय ने उस पर रोक लगा दी है। बिना कर्ज अदा किए परिवार ईंटों की बिक्री नहीं कर पाएगा। ईंटों का ढेर आज भी यथावत खड़ा हुआ है।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते ही परिवार को मिलने लगी धमकियां
दरअसल, इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई न होने और प्रशासनिक सहायता न मिलने पर पीडि़त परिवार ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद अब परिवार को धमकियां मिल रही है। पीड़ित की पुत्री के मोबाइल पर पुलिस ने कई बार फोन किया है, जिसमें पुलिसकर्मी ने उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला। इसकी धमकी से भी परिवार डरा हुआ है।
मां कैंसर और पिता टीबी रोग से ग्रसित
इस परिवार के सामने उत्पन्न भयावह स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीडि़त की मां कैंसर रोग से ग्रसित है और पिता टीबी रोग से ग्रसित होने के बाद बिस्तर पर लेटा है। हालत यह है कि परिवार के सदस्य उनका इलाज तक नहीं करवा पा रहे है। जानकारी के अभाव में मां शंकरगढ़ उप्र के किसी डॉक्टर से इलाज करवा रही है। अब परिवार के सामने यह संकट खड़ा हो गया कि बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी जुगाड़े या बूढ़े माता-पिता का इलाज करवाए।
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दो पंचायतों के विवाद में उलझी सहायता
यह परिवार दो पंचायतों के बीच उलझा हुआ है। दरअसल, परिवार घूमा पंचायत मेंं रहता है लेकिन जहां पर घटना हुई थी वह कटरा पंचायत में आती है। इस परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए दोनों ही पंचायतों ने प्रयास किया। घूमा सरपंच का कहना है कि हमारे यहां घटना नहीं हुई थी और कटरा सरपंच का कहना है कि वे हमारे के यहां के रहने वाले नहीं है। ऐसे में दोनों पंचायतों ने इस जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया है।
पुलिस ने भी उठाया परिवार की मजबूरी का फायदा
इस परिवार की अशिक्षा का पुलिस ने भी भरपूर फायदा उठाया है। चार माह बाद भी गढ़ थाने की पुलिस यह तय नहीं कर पाई कि आखिर इस परिवार पर आए इतने बड़े संकट का कारण क्या था। आखिर क्यों पीडि़त ने अपने साथ परिवार को खत्म कर लिया। चार माह बाद भी पुलिस सिर्फ मर्ग जांच ही कर रही है। अभी तक सूदखोर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हैरानी की बात तो यह है कि परिवार के सदस्यों को अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित घटना से जुड़े किसी भी तरह के दस्तावेज पुलिस ने नहीं दिए है।

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