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देवबन्दी आलिम की भावुक अपील, शब-ए-बारात पर देश के लिए दुआ करें, प्रशासन की परेशानी न बढ़ाएं मुसलमान

locationसहारनपुरPublished: Apr 07, 2020 01:39:37 pm

Submitted by:

Iftekhar

लोकडाउन पालन करते हुए घरों पर ही करें इबादत
इबादत नफली इबादत के लिए मस्जीदो में जाना जरूरी नहीं
जलसा-जुलूस निकालकर पुलिस-प्रशासन की परेशानी नहीं ढ़ाने की अपील

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देवबन्द. कोरोना वायरस चलते देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच शब-ए-बरात का त्योहार आ रहा है। इस रात को लोग बड़ी संख्या में मस्जिदों और कब्रिस्तानों में जाकर इबाद करते हैं और अपने पूर्वजों के दुआ-ए-मगफिरत (मोक्ष की दुआ) करते हैं। लिहाजा शब-ए-बारात के त्योहार को देखते हुए देवबन्दी आलिम असद कासमी ने मुस्लमानों से समझदारी भरा अपील की है। उन्होंने सभी मुस्लिमों से उस रात घरों में रहकर इबादत करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि शब-ए-बारात इबादत की रात है। रमजान से पहले शहाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात को शब-ए-बारात कहा जाता है। इस रात में नफली इबादत की जाती है। इसके साथ ही तिलावत-ए-कुरआन पाक का एहतमाम किया जाता है।

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इस रात को लोग रातभर अल्लाह की इबादत में मशरूफ रहते हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की तोबा करते हैं और दुरूद-ए-पाक भी पढ़ते हैं। इस रात में इंसान को जितना भी वक्त मिले वह अल्लाह की राह में यानी इबादत में लगाया जाना चाहिए। इस रात को इंसान इसी रात में कब्रिस्तान भीजाया करते हैं, लेकिन इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना वायरस जैसी हमामारी फैली हुई है, लिहाजा तमाम मुसलमानों से यह अपील करता हूं कि इस रात में कब्रिस्तान जाने के बजाय अपने-अपने घरों के अंदर बैठकर ही कुरान शरीफ की तिलावत करें और अपने रिश्तेदार व तमाम लोग जो दुनिया से चले गए हैं, उनके लिए दुआ करने के साथ ही दुनियाभर में फैले कोरोना की महामारी से तमाम इंसानों की हिफाजत की दुआ करें। इसी तरीके से शाहबान की 15 तारीख को रोजा रखा जाता है और रोजा रखने का अहतमा किया जाए। रोजा रखकर तमाम मुसलमानों और मुल्क में रहने वाले सभी देशवासियों के लिए दुआ की जाए कि इस मुल्क के अंदर जो महामारी फैली हुई है, अल्लाह इससे हमारे देश के सभी लोगों की हिफाजत फरमाए।

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उन्होंने कहा कि इत्तेहाद-ए-उलेमा-ए-हिंद सभी मुसलमानों से यह अपील करती है कि ऐसे हालातों के अंदर घरों के अंदर इबादत करें। सड़कों पर बेवजह न घुमें। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि इस रात के अंदर। हमारे नौजवान सड़कों पर बाईकें लेकर घुमने निकल जाते हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए और घरों में बैठकर इबादत करनी चाहिए। इस रात की इबादतें नफली इबादत हैं। लिहाजा, इस रात में मस्जिदों में जाने की जरूरत नहीं है। लोगों को चाहिए कि अपने घरों के अंदर ही बैठकर सभी लोग अपनी-अपनी इबादत करें और देश व देश में रहने वालों के लिए फैल रही बीमारी से बचाने की अल्लाह से दुआ करें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने वक्त को बिना वजह जाया ना करें, क्योंकि यह इबादत मस्जिद की इबादत नहीं है। घरों में बैठकर ही इबादत करें। इसके साथ ही जलसा जुलूस निकालकर पुलिस-प्रशासन की परेशानी नढ़ाएं।

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