स्क्वैश में नजरें मिलीं दरअसल उस वक्त आशुतोष आईपीएस सलेक्ट हो चुके थे और संस्कृति आईआरएस सलेक्ट हो चुकी थीं। इंटर सर्विस मीट में दोनों अधिकारी अपने अपने ग्रुप से सहभागिता निभा रहे थे। स्क्वैश खेल की प्रतियोगिता में दोनों अधिकारियों को साथ खेलने का मौका मिला। इस दौरान दोनों अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। इसके बाद लगातार बातें होने लगी थीं। तभी संस्कृति का आईएएस का रिजल्ट भी आ गया था। इस दौरान तक दोनों अधिकारियों की अंडरस्टैडिंग काफी अच्छी हो गई थी। फिर कुछ साल बाद शादी का निर्णय लिया। संस्कृति के माता पिता की लव मैरिज थी और उनकी बाते आशुतोष को लेकर परिवार में पहले से ही होती थीं। लिहाजा उन्हें शादी के निर्णय को माता पिता को बताने में कोई झिझक नहीं हुई। माता पिता भी सहर्ष राजी हो गए। इधर आशुतोष के परिवार में इस तरह का पहला मामला था। लिहाजा उन्हें घर में माता पिता को बताने में संकोच हो रहा था। सो उन्होंने इसके लिए अपनी छोटी बहन का माध्यम बनाया। छोटी बहन ने परिवार को अपने तरीके से जानकारी दी फिर यहां भी रिश्ता कबूल हो गया और दोनों अधिकारियों ने सबकी सहमति से शादी की।
जन्म दिन और वेलेन्टाइन डे संस्कृति बताती हैं कि 14 फरवरी उनका जन्म दिन है। लिहाजा वेलेन्टाइन डे उनके लिए अपने आप में एक खुशी का क्षण होता है। पूरा परिवार इस दिन को सेलीब्रेट करता है। जन्मदिन के दिन सभी एक साथ होते हैं।
भूल जाते हैं शादी की सालगिरह संस्कृति जैन बताती है कि आशुतोष यूं तो अच्छे पति और अच्छे पिता हैं। लेकिन वे अक्सर शादी की साल गिरह भूल जाते हैं। हालांकि सीधे तो याद नहीं दिलाते लेकिन कुछ तरीकों से उन्हें याद आ ही जाता है। संस्कृति ने बताया कि जब आईएएस के इंटरव्यू का रिजल्ट आया तो सभी के बधाई संदेश मिल गए। लेकिन जिसके संदेश का इंतजार था उनका संदेशा आने में 6 घंटे लग गए। हालांकि सफाई भी आई कि जहां थे वहां फोन नहीं था। लिहाजा रिजल्ट देर से पता चला। संस्कृति बताती है कि आशुतोष गुप्ता पहले त्रिपुरा कैडर के आईपीएस अफसर थे। संस्कृति जैन एमपी कैडर की आईएएस अफसर रही। शादी के बाद आशुतोष ने अपना कैडर चेंज करवा कर एमपी कैडर लिया। तब से साथ-साथ ही हैं।
यह आया पसंद संस्कृति बताती हैं कि आशुतोष बहुत ही सुलझे हुए व्यक्तित्व को धारित करते हैं। कैरियर को लेकर मुझे पूरी स्वतंत्रता देते हैं। निर्णयों पर भी स्वतंत्रता देने के साथ भरोसा करते हैं। अच्छे केयरिंग पर्सन हैं। पति से ज्यादा एक अच्छे दोस्त हैं।
मुलाकात के बहाने सभी ट्रेनें पता थीं संस्कृति बताती है कि शुरुआती पदस्थापना के दौरान वे इटारसी में पदस्थ थीं और आशुतोष खंडवा में। तब अवकाश के दौरान वे खंडवा चली जाती थीं। लिहाजा उस दौरान इस रूट की सभी ट्रेनें और टाइमिंग उन्हें पता हो गई थीं।
ट्रिप जो यादगार है दोनों अधिकारियों ने साथ में कई लंबी ट्रिप की हैं लेकिन इनके लिए सबसे यादगार ट्रिप लक्षद्वीप की है। यहां उन्होंने शानदार छुट्टियां तो बिताईं ही इस दौरान यहां स्कूबा डाइविंग (पानी के भीतर आक्सीजन टैंक के सहारे गोताखोरी) की भी ट्रेनिंग ली। यहां से सर्टिफाइड स्कूबा डाइवर्स बने।
कपल्स को संदेश संस्कृति जैन कपल्स को अपने संदेश में कहती हैं कि सभी कपल्स को एक दूसरे पर भरोसा करना चाहिए, विश्वास नहीं खोना चाहिए। एक दूसरे की स्वतंत्रता बनाए रखा चाहिए। अच्छी लाइफ के लिए हमेशा साथ रहना जरूरी नहीं है लेकिन एक दूसरे का सहारा जरूर बनना चाहिए।