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राजस्थान के इस सरकारी स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ मामले ने पकड़ा ​तूल, अब नया स्टाफ लगाने की उठी मांग

Rajasthan Govt School: राजकीय स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होने से अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है।

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molestation Case

प्रतीकात्मक तस्वीर

Girl Students Molestation Case: सवाई माधोपुर। खण्डार उपखण्ड मुख्यालय स्थित राजकीय स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होने से अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है। अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षा अधिकारियों के निरीक्षण केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित रहते हैं, जिससे वास्तविक समस्याएं सामने नहीं आतीं और छात्राओं से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

अभिभावकों ने एक स्वर में पूरे स्टाफ को हटाकर नया स्टाफ नियुक्त करने तथा महिला प्रधानाचार्य लगाने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र भेजकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि ब्लॉक के अन्य स्कूलों में भी पूर्व में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।

निरीक्षण केवल औपचारिकता तक सीमित

अभिभावकों ने बताया कि राज्य सरकार ने शिक्षा अधिकारियों को प्रतिमाह निरीक्षण का लक्ष्य तय कर रखा है। सीबीईईओ को 10 और एसीबीईईओ व संदर्भ शिक्षकों को 12-12 स्कूलों का निरीक्षण करना होता है। इसके अलावा उपखण्ड अधिकारी और तहसीलदार भी निरीक्षण करते हैं। निरीक्षण में शैक्षणिक स्तर कमजोर होना, पोषाहार में अनियमितता, शिक्षकों द्वारा मोबाइल का उपयोग जैसी खामियाँ सामने आती हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नोटिस तक नहीं दिए जाते। जुलाई में एसीबीईईओ ने 58 स्कूलों, अगस्त में 8, सितम्बर में 7 और अक्टूबर में 6 स्कूलों का निरीक्षण किया था। सीबीईईओ ने भी मॉडल स्कूल का दो बार निरीक्षण किया, फिर भी खामियां नजरअंदाज कर दी गईं।

चार माह से बंद पड़े थे सीसीटीवी

प्रधानाचार्य ने पिछले चार-पांच माह से स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद कर रखे थे। निरीक्षण के दौरान भी अधिकारियों ने इस अनियमितता को नजरअंदाज किया। छात्राओं ने लगातार छेड़छाड़ से परेशान होकर अंतत: परिजनों से शिकायत की।
-द्वारिका प्रसाद मित्तल, पूर्व एसएमसी अध्यक्ष

महिला प्रधानाचार्य की मांग

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में महिला प्रधानाचार्य नियुक्त करने से ही हालात सुधर सकते हैं। वर्तमान में पुरुष शिक्षकों के कारण छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं पूरी तरह नहीं थमी हैं। अभिभावक हर समय अनहोनी की आशंका से चिंतित रहते हैं।
-राजू मंगल, एसएमसी अध्यक्ष

सुरक्षा व्यवस्था में खामियां

विद्यालय परिसर में सुरक्षा प्रबंधन की कमी हैं। मुख्य दरवाजे पर चौकीदार नहीं है और दरवाजा भी बंद नहीं रखा जाता, जिससे कोई भी बाहरी व्यक्ति आसानी से प्रवेश कर सकता है।
-सत्यनारायण जैन, अभिभावक

सुझावों पर नहीं होता अमल

एसएमसी बैठकों में कई बार सीसीटीवी चालू रखने, चौकीदार नियुक्त करने और आवक-जावक रजिस्टर रखने के सुझाव दिए गए, लेकिन प्रधानाचार्य ने इन्हें लागू नहीं किया।
-किशन विजय, विधायक प्रतिनिधि।

इनका कहना है…

स्कूलों में तय लक्ष्य के अनुसार संबलन करने जाते हैं, निरीक्षण नहीं। वहां उन्हें कमियों को दूर करने के लिए समझाइश की जाती है। अधिक खामी मिलने पर ही नोटिस दिए जाते है। मॉडल स्कूल में सीबीईईओ ने दो बार संबलन किया है। मैं स्कूल गया जरूर था, लेकिन संबलन नहीं किया। व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास किए जा रहे है।
-सुनील कुमार सिंहल, अतिरिक्त ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, खण्डार।


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