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राजस्थान में SIR अभियान में गंभीर लापरवाही उजागर, जिंदा व्यक्ति को मतदाता सूची में बताया मृत

Rajasthan SIR Campaign: राजस्थान में निर्वाचन विभाग की देखरेख में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है।

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पीड़ित कवि गोपीनाथ। फोटो: पत्रिका

गंगापुरसिटी। राजस्थान में निर्वाचन विभाग की देखरेख में चल रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। शहर के वार्ड नम्बर 33, नहर रोड निवासी 72 वर्षीय सेवानिवृत्त आयुर्वेद चिकित्साधिकारी और कवि गोपीनाथ पुत्र महेश चंद शर्मा को मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया।

गोपीनाथ ने बताया कि 16 नवम्बर तक उन्हें एसआईआर का परिगणना प्रपत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। जब उन्होंने बीएलओ छोटूखान से जानकारी ली तो पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। यह सुनकर वे स्तब्ध रह गए। उनका कहना है कि जीवित रहते हुए मृत घोषित करना न केवल अपमानजनक है बल्कि निर्वाचन प्रक्रिया की गंभीर लापरवाही भी है।

अ​ब तक नहीं जुड़ा दोबारा नाम

उन्होंने उप जिला निर्वाचन एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बृजेन्द्र मीना को शिकायत दी है, लेकिन आरोप है कि अब तक उनका नाम सूची में पुन: जोड़ा नहीं जा सका है। वे लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। गोपीनाथ ने बताया कि सन 2002 की मतदाता सूची के भाग संख्या 109 में क्रमांक 532 पर उनका नाम दर्ज है और उनके पास ईपिक नम्बर भी है। इसके आधार पर उन्होंने विगत लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान किया है। इसके बावजूद उन्हें मृत घोषित करना बीएलओ की कर्तव्यनिष्ठा पर सवाल खड़ा करता है।

लोग उठा रहे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोपीनाथ न केवल गंगापुरसिटी बल्कि पूरे भारत वर्ष में कवि के रूप में विख्यात हैं। ऐसी शख्सियत का नाम काटा जाना सिस्टम की नाकामी को उजागर करता है। ग्रामीणों ने कहा कि इस तरह की लापरवाही से लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होता है और आमजन का विश्वास निर्वाचन प्रक्रिया पर से उठ सकता है।


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