इसमें दावा किया गया है कि जो लोग नियमित रूप से मेडिटेशन करते हैं, उनमें से एक चौथाई लोग मेडिटेशन अभ्यास करने से जी चुराते हैं। शरीर स्वस्थ रहे, इस मजबूरी में वे मेडिटेशन करते हैं। इसके बावजूद उसका ‘ध्यान ‘ नहीं लगता है।
अंतरिक्ष में विस्फोट कराने की तैयारी में नासा, बना रही ऐसा यान ब्रिटेन यूनिवर्सिटी (university ) एंड कॉलेज लंदन (यूसीएल ) की देखरेख में मेडिटेशन के अभ्यास पर शोध किया गया। इसमें पाया गया कि मेडिटेशन करने वाले लोगों में डर और विकृत भावनाएं होती हैं। इसी तरह का शोध आस्ट्रेलिया (austrlia ) में भी किया गया। जिसमें पाया कि जो लोग एकांत में मेडिटेशन करते हैं, चिंतनशील प्रकार का ध्यान करते हैं या जिन लोगों में नकारात्मक सोच का स्तर बढ़ा रहता है, वे इसके अनुभव को पसंद नहीं करते हैं। इसमें जैसे विपश्यना और कोअन अभ्यास भी शामिल है।
देश में बढ़ रही है पियक्कड़ों की संख्या, अध्ययन में हुआ खुलासा हालांकि इस अध्ययन में जिन महिलाओं ने हिस्सा लिया था, उनमें से धार्मिक (spiritual ) विश्वास रखने वाली महिलाओं में नकारात्मक अनुभव कम था। इसमें से 1232 प्रतिभागियों ने अंतराष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वेक्षण में हिस्सा लिया, जिन्होंने दो महीने तक मेडिटेशन (ध्यान) किया था।