वैज्ञानिकों का दावा- सहारा रेगिस्तान की धूल से जी से पिघल रही हिमालय की बर्फ
शोधकर्ताओं ने पाया है कि एशिया (Asia), अफ्रीका (Africa) के रेगिस्तानों से आने वाली धूल की वजह से हिमालय (Himalaya) पर तेजी से बर्फ पिघल रही है।

नई दिल्ली। वैज्ञानिको का दावा है कि ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण पश्चिमी हिमालय (Western Himlayas) की बर्फ तेजी से पिघल रही है। एक नए अध्ययन में बताया गया है कि उड़ने वाली धूल की वजह से ये बर्फ तेजी से पिघल रही है।
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नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि अफ्रिका (Africa) और एशिया (Asia) से हजारों मील दूर से उड़ कर ऊंचे इलाकों में आने वाली धूल (Dust) की वजह से यहां का पर्यावरण प्रदुषित हो रहा है और इसकी वजह से पृथ्वी का सबसे बड़े बर्फीला हिस्सा धीरे-धीरे गल रहा है।
अमेरिका के ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिक युन कियान ने बताया कि दक्षिण एशिया, चीन और भारत के 70 करोड़ से ज्यादा लोग हिमालय की पिघली बर्फ के ताजे पानी पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में अगर बर्फ पिघल रही हो तो पानी के लिए भी दिक्कतें हो सकती हैं।
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वैज्ञानिकों के मुताबिक हिमालय पर एरोसॉल्स (Aerosols) और बर्फ में प्रदूषण आदि का मापन किया जा रहा है। लेकिन अभी तक इसको रोकने का कोई ठोस उपाय नहीं मिला है। उनके मुताबिक कई जगह बर्फ पिघलने की वजह काले कार्बन को भी माना जा रहा है, जो धार रेगिस्तान, साउदी अरब के रेगिस्तान और अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान तक से हिमालय पर आती है।
बता दें हिमालय से गंगा, ब्रह्मपुत्र, यांग्त्ज़ी, और हुआंग सहित भारत और चीन की प्रमुख नदियां उत्पन्न होती हैं। ऐसे में अगर इसी तरह से लगातार बर्फ पिघलती रही तो इन नदीयों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ जाएगा।
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