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अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स के शोधकर्ता जॉन हैरिस ने बताया कि आज के समय में इसके इलाज में एक से दो साल का वक्त लग जाता है। कई बार इलाज रोकने के सालभर बाद फिर उसी जगह दाग दिखने लगते हैं। इस दिक्कत के बारे में जॉन हैरिस बताते हैं कि दोबारा उसी जगह दाग इसलिए बनते हैं, क्योंकि त्वचा की कोशिकाएं उस जगह के बारे में जानती हैं जहां पर पहले से दाग मौजूद थे। यही कारण है कि वे फिर वहीं पनप जाती हैं।
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हाल ही में वैज्ञानिकों ने सफेद दाग यानी विटिलिगो के इलाज में उन कोशिकाओं के बारे में पता कर लिया है जो दोबारा पनप जाती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन कोशिकाओं को निष्क्रिय करने से सफेद दाग का इलाज जल्दी हो सकेगा और दोबारा इसे होने से भी ज्यादा समय तक रोका जा सकेगा। शोधकर्ताओं ने रोग पैदा करने वाली मेमोरी कोशिकाओं को अलग कर उनका अधिक बारीकी से विश्लेषण किया है। वे यह निर्धारित करने में सक्षम हैं कि ये कोशिकाएं विशेष रूप से मेलानोसाइट्स को टारगेट करती हैं।