चीन में कंप्यूटर उद्योग विश्व में नंबर वन पर, सर्वर उत्पादन भी हुआ तेज़
दोनों देशों के कचरे को मिलकर 55 हजार मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा हमारे देश में इकट्ठा हो रहा है। इसके बाद पश्चिम एशिया, यूरोप और अमेरिका सहित 25 से अधिक देशों से प्लास्टिक कचरे का आयात हो रहा है। अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के बीच किए गए इस अध्ययन में बताया गया कि रीसाइक्लिंग ( recycling ) कंपनियों को ये देश बड़ी की चालाकी से महीन कचरे के रूप में पीईटी ( पॉलीथिलीन टेरेप्थेलेट ) प्लास्टिक बोतलों देश में आयात कर रहे हैं। जिसकी वजह से रोजाना पैदा हो रहे कचरे को डिस्पोज करने का साधन नहीं मिल रहा है जिससे इस कचरे को सागरों तथा लैंडफिल में डंप किया जा रहा है।
ऑफिस में बार-बार शिफ्ट बदलते हैं, तो जल्द हो जाएंगे बूढ़े, वैज्ञानिकों ने दिए बचने के टिप्स
रिपोर्ट को लेकर की गई स्टडी में पता चला है कि करीब 19 हजार मीट्रिक टन कचरा अकेले दिल्ली में आयात किया जा रहा है। इस आध्ययन से साफ है कि अगर हम इस मुसीबत से नहीं उभरे तो भारत में प्लास्टिक के प्रदूषण को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा।