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सड़क हादसे के बाद सामने आई अस्पताल की लापरवाही, मृत बच्ची का शव बिना पोस्टमार्टम रेफर कर दिया दूसरे जिले के अस्पताल

-सड़क हादसे के बाद सामने आई बदरवास अस्पताल की लापरवाही-सड़क दुर्घटना में हुई बच्ची की मौत, पति-पत्नी हुए हैं घायल-सड़क हादसे का शिकार हुआ गुना का परिवार-अस्पताल ने न बच्ची का PM कराया न घायलों का इलाज किया-शव के साथ घायलों को रेफर कर दिया गुना जिला अस्पताल

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सड़क हादसे के बाद सामने आई अस्पताल की लापरवाही, घटना में मृत बच्ची का बिना पोस्टमार्टम रेफर कर दिया दूसरे जिले के अस्पताल

संजीव जाट की रिपोर्ट

शिवपुरी. मध्य प्रदेश के सिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाले बदरवास थाना क्षेत्र में बीती रात अटलपुर हाइवे के पास मोटर साइकिल से गुना जिले के रहने वाले चेनु आदिवासी अपनी छह माह गर्भवती पत्नी राजाबेटी और दो साल की बेटी सनम के साथ जा रहे थे। इसी दौरान, अचानक उनकी गाड़ी के सामने गाय आ जाने से अनियंत्रित होकर फिसल गए। घटना के बाद पति पत्नी और उनकी बच्ची को 108 की मदद से बदरवास अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर अमलेश गौतम ने हादसे में गायल बच्ची को मृत घोषित कर दिया। हालांकि, इस मामले में बदरवास अस्पताल की गंभीर लापरवाही सामने आई है।


बदरवास अस्पताल ने इस सड़क हादसे की तहरीर बदरवास थाना तो भेजी नहीं, बल्कि मामले को रफा दफा करने के लिए घायल पति पत्नी के साथ साथ मृतक बच्ची को पोस्टमार्टम के लिए शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर करने के बजाय गुना के निवासी होने के कारण परिवार को गुना जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं, जब इस मामले में बदरवास अस्पताल प्रबंधन से सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर अजीबो गरीब तर्क देकर अपनी लापरवाही को छुपाने का प्रयासकिया। अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि, हादसे में घायल चेनू और उसकी पत्नी गुना के रहने वाले हैं। वहीं, महिला 6 माह की गर्भवति है, इसलिए उन्हें गुना जिला अस्पताल रैफर किया गया। जबकि, नियमानुसार होना ये था कि, बदरवास अस्पताल द्वारा केस की तहरीर बदरवास थाने पहुंचाई जाती। फिर बदरवास पुलिस घायलों का उपचार और बच्ची का पोस्टमार्टम शिवपुरी जिला अस्पताल से कराकर उनके गृह जिले भेजते। इसी आधार पर मामले को जांच में लिया जाता।

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पुलिस बोली- तहरीर ही नहीं आई तो क्या करें

मामले में लापरवाही बरतते हुए बदरवास अस्पताल ने न तो मृतक बच्ची का पोस्टमार्टम किया और ना ही बदरवास थाने को उक्त घटना की जानकारी तहरीर भेजी। वहीं, इस मामले में जब बदरवास पुलिस से सवाल किया गया तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि, घटना की जानकारी तो लग चुकी है, पर इसकी तहरीर थाने में नही आई है, इसलिए हम क्या कर सकते हैं।


घटना से पर्देदारी क्यों ?

बदरवास थाना क्षेत्र के ग्राम अलतपुर पर बीती रात अस्पताल के शासकीय रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। लेकिन, दो वर्षीय बालिका की मृत्यु हुई तो शव बिना पीएम के परिजन को कैसे सौंप दिया गया। वहीं, हादसे में गंभीर रूप से घायल महिला को गुना रैफर किया गया। उक्त पूरे मामले में घटना में घायलों को उपचार के लिए व्यापार तो करते हैं, लेकिन उक्त पूरी घटना की जानकारी तत्काल संबंधित पुलिस थाने में दी जाती है, लेकिन घटना को 24 घंटे बाद भी बदरवास अस्पताल प्रबंधन द्वारा बदरवास पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी गई।


एक पत्थरो पर तो दूसरी पंचर है 108

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में जहां घटना को लेकर तत्काल मरीजों को उपचार देने के उद्देश्य बदरवास मुख्यालय पर तीन 108 उपलब्ध हैं, लेकिन विडंबना ये है कि, उक्त तीन 108 एंबुलेंस में देखा जाए तो एक एंबुलेंस तो पत्थरों पर खड़ी है, दूसरी एंबुलेंस पंचर पड़ी है। जबकि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, घायलों को तत्काल उपचार मुहैया कराने और उनहें सहायता के उलिए 108 सुविधा दी गई है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बदरवास क्षेत्र में हादसे का शिकार होने वाले पीड़ितों को सरकार की ओर से मुहैय्या की गई इस सुविधा का लाभ नहीं पा रहा है।


क्या कहते हैं जिम्मेदार ?

इस संबंध में जब बदरवास बीएमओ एच. वी शर्मा से पूछा गया तो उनका कहना है कि, मामला मेरे सज्ञान में नहीं है, जानकारी लेकर बताता हूं। वहीं, बदरवास थाना प्रभारी अमित भदौरिया ने कहा कि, हमारे थाने पर कोई तहरीर नहीं आई है, लेकिन मामला संज्ञान में आया था, जिसके बाद हादसे में घायलों को उपचार के लिए 108 की मदद से बदरवास अस्पताल पहुंचाया गया है।

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बदरवास अस्पताल के आयुष चिक्तिसक डॉक्टर अमलेश गौतम से पत्रिका संवाददाता की सीधी बात

पत्रिका- कल कोई सड़क हादसा हुआ था क्या ?

डॉक्टर- हां हुआ था, जिसमें एक दो साल की बच्ची की मौत हो गई है और हादसे में घायल महिला गर्ववती होने के कारण उसकी हालत ज्यादा गंभीर थी। मृतक बच्ची के साथ घायल पति - पत्नी को गुना जिले के रहने वाले। इसलिए उन तीनों को 108 से गुना जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया है।

पत्रिका- थाने में जानकारी क्यों नहीं दी और मृत बालिका का पीएम क्यों नहीं कराया ?

डॉक्टर- हमारे यहां ज्यादा मरीज थे, इसलिए न ही बदरवास पुलिस को इस संबंध में सूचना दी और न ही बच्ची का पीएम कराया।

पत्रिका- आपको पता है, आपकी ओर से की गई लापरवाही कितनी गंभीर है ?

डॉक्टर- हां मामला तो गंभीर है और गलती भी हुई है, लेकिन अब क्या कर सकते हैं।