6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Good News : बल्ले-बल्ले, मंडी में आने लगा अलवर का नया प्याज, भावों में आई भारी गिरावट

Good News : दीपावली के बाद से सीकर सहित राजस्थान की अन्य मंडियों में अलवर का प्याज पहुंचने लगा है। दो दिन में प्याज के थोक भाव में पांच से आठ रुपए प्रति किलो गिरावट दर्ज की गई है।

2 min read
Google source verification
Rajasthan Great News New Onions from Alwar Started Arriving Market Prices Fell Drastically

Good News : मानसून सीजन के बाद से थाली से नदारद प्याज के भावों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। दीपावली के बाद से सीकर सहित राजस्थान की अन्य मंडियों में अलवर का प्याज पहुंचने लगा है। इसके कारण महज दो दिन में अर्धशतक तक लगा रहे प्याज के थोक भाव पांच से आठ रुपए प्रति किलो तक गिर गए हैं। व्यापारियों और किसानों की मानें तो इस बार गर्मी के सीजन की शुरूआत से अच्छे भाव मिलने के कारण किसानों का रुझान प्याज की खेती की ओर बढ़ गया है। इससे अब सर्दी के सीजन के प्याज की बम्पर बुवाई होने के आसार है। जिससे आगामी दिनों में प्याज के थोक व खुदरा भाव कम होने की उमीद है। सीकर जिले में हर साल करीब 20000 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई होती है। इसका औसतन उत्पादन करीब 70 लाख क्विंटल आंका जाता है।

आठ से दस हजार तक बढ़ेगा क्षेत्र

शुरूआत से अच्छे भाव मिलने के कारण जिले में इस बार प्याज का बुवाई से आठ से दस हजार हेक्टेयर तक बढ़ने की उमीद है। सीजन में प्याज के अच्छे भाव मिलने के कारण इस बार इन सीकर, नागौर, चूरू जिलों में प्याज का रकबा 35 हजार हेक्टेयर को पार कर जाएगा। इस बार प्याज की बुवाई क्षेत्र में ज्यादा होने के रुझान है। व्यापारियों के अनुसार प्याज के भाव इस बार कम नहीं रहेंगे। जिससे किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और बाजार उठेगा। सबकुछ ठीक रहा और मौसम ने साथ दिया तो नए साल में आने वाला प्याज किसानों के घरों तक सुख और समृद्धि लेकर आएगा।

यह भी पढ़ें :Rajasthan News : राहत की खबर, अब जमीन का पट्टा आसानी से मिलेगा, नियम में बदलाव

जिले में 50 से ज्यादा गांव प्याज उत्पादक

जिले में प्याज उत्पादन से सीधे तौर पर जिला मुख्यालय के आस-पास के पचास से ज्यादा ऐसे गांव व ढाणियां हैं जहां के किसानों की आजीविका केवल प्याज पर निर्भर है। मीठे प्याज के बेल्ट के रूप में प्रसिद्ध इन क्षेत्रों में करीब 50 हजार से ज्यादा किसान सीधे तौर पर प्याज उत्पादन से जुड़े हुए हैं। इस बार प्याज उत्पादक किसानों को लागत मूल्य के साथ-कुछ मुनाफा मिला है। इसके बाद से अब तक लगातार मौसम ने किसानों का साथ दिया है। वहीं जिले में प्याज की सिंचाई मिनी स्प्रिंकलर से होने के कारण बुवाई क्षेत्र लगातार बढ़ता जा रहा है।

यह भी पढ़ें :अब मक्का का गढ़ नहीं रहा बांसवाड़ा, यहां पर इस फसल की मची है जमकर धूम

दो दिन में प्याज के थोक भाव आई गिरावट - व्यापारी

प्याज व्यापारी देवीलाल चौधरी ने बताया कि सीकर मंडी में दो दिन के दौरान प्याज के थोक भाव पांच से आठ रुपए प्रति किलो तक गिर गए हैं। हालांकि अभी भी प्याज के भाव ज्यादा है लेकिन आगामी दिनों में भावों में गिरावट आएगी। किसानों को इस बार लागत मूल्य के साथ मुनाफा मिला है। यही कारण है कि नए लोग प्याज उत्पादन के कार्य से जुड़ रहे हैं।

यह भी पढ़ें :अजब गजब : दो राज्यों को जोड़ती है सिर्फ 30 फीट लोहे की सीढ़ी