
वासड़ा गांव में बनास नदी पर निर्मित पुलिया। फोटो- पत्रिका
आबूरोड। शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत वासड़ा में बनास नदी पर बनी पुलिया से आसपास के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों और आबूरोड औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है। पुलिया के माध्यम से स्टेट हाईवे संख्या 11 और नेशनल हाईवे 27 जुड़ गए हैं। इससे ग्रामीणों का आवागमन और उद्यमियों के लिए माल परिवहन आसान हो गया है।
दो साल पहले तक वासड़ा गांव के पास से गुजरती बनास नदी पर रपट भी नहीं थी। तब चनार, आवल, मूंगथला, गिरवर, बहादुरपुरा आदि गांवों के श्रमिक, किसान और ग्रामीण नदी से होकर ही आवागमन करते थे। बारिश के समय नदी में तेज वेग से पानी बहने के कारण आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाती थी। तब उन्हें करीब 25 किलोमीटर अतिरिक्त रास्ता तय कर आबूरोड शहर, आबूरोड रीको औद्योगिक क्षेत्र, वासड़ा और मावल गांव आना-जाना पड़ता था। वहीं पुलिया बनने से ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
रेवदर स्थित मार्बल माइंस से आने वाले मार्बल ब्लॉक से लदे ट्रक भी आबूरोड के निकट नेशनल हाईवे होकर औद्योगिक क्षेत्रों में पहुंचते थे। इसमें समय नष्ट होने के साथ आर्थिक नुकसान भी होता था। पुलिया बनने से रेवदर-आबूरोड स्टेट हाईवे संख्या 11 वासड़ा होकर नेशनल हाईवे से जुड़ गया है। इससे औद्योगिक इकाइयों तक माल कम समय में पहुंच पा रहा है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग ने करीब दो साल पहले सड़क एवं पुलिया निर्माण कार्य के तहत स्टेट हाईवे संख्या 11 गिरवर से नेशनल हाईवे संख्या 27 वाया गिरवर-चनार जंक्शन तक 14 किलोमीटर लंबी सड़क और वासड़ा में बनास नदी पर पुलिया का निर्माण कराया था। इस कार्य के लिए 21 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे।
वासड़ा गांव के निकट नदी में पहले रपट भी नहीं थी। बारिश में पानी आने पर आवागमन बंद हो जाता था। तब ग्रामीण 25 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय कर आबूरोड होकर आते-जाते थे। पुलिया बनने से आवागमन सुगम हो गया है और औद्योगिक क्षेत्रों में माल परिवहन में भी परेशानी नहीं हो रही है।
वासड़ा में पुलिया बनने के बाद आसपास के गांवों के लोग अब गुजरात, रेवदर, मंडार, जालोर, बालोतरा सीधे पहुंच पा रहे हैं। पहले उन्हें आबूरोड होकर जाना पड़ता था।
Updated on:
06 Dec 2025 02:32 pm
Published on:
06 Dec 2025 02:21 pm
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