लेकिन केदारनाथ से कुछ ख़बरें आ रही हैं कि कपाट बंद होने से पहले मंदिर के गर्भ गृह में ऐसा चमत्कार हुआ है कि वहां मौजूद सभी भक्तगण हैरान हो गए। एक वेबपोर्टल की खबर के अनुसार शनिवार को जब मंदिर समिति और प्रशासन के लोग गर्भगृह के कपाट बंद कर रहे थे तब उन्हें ऐसा करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन फिर भी वो दरवाजे के कुंडे नहीं लग पाए। बताया जा रहा कि मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर हाल ही में चांदी लगाई गई है जिसकी वजह से कुंडे लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बताया जा रहा है कि जब लाख प्रयास के बाद भी कुंडे लगाने में सफल नहीं हो पाए तो वहां मौजूद प्रशासन के लोगों ने और पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने भगवान केदार के क्षेत्रपाल भकुंड भैरव का आह्वान किया। आह्वान करने के कुछ ही पल के बाद देवता द्वारा कुंड को स्पर्श करते ही वह दूसरे कुंडे पर जुड़ गया और कुंडे लगा दिए गए।
बताते चलें कि केदारनाथ मन्दिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ की बड़ी महिमा है। उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ और केदारनाथ-ये दो प्रधान तीर्थ हैं, दोनो के दर्शनों का बड़ा ही माहात्म्य है। केदारनाथ के संबंध में लिखा है कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है। उसकी यात्रा निष्फल जाती है और केदारनापथ सहित नर-नारायण-मूर्ति के दर्शन का फल समस्त पापों के नाश पूर्वक जीवन मुक्ति की प्राप्ति बतलाया गया है।