इस बार बिल ने मारा करंट
गर्मी व उमस के बाद दीपावली पर बिजली की खपत अधिक रही थी, इस कारण बिजली की यूनिटें अधिक दर्शाते हुए बिल राशि देखकर उपभोक्ताओं को करंट जैसा झटका लगा है। निगम के अधिकारी भी स्वीकारते हैं कि साल में यह ऐसा बिल होता है जिसमें सबसे अधिक खपत को दर्शाया जाता है। उमस अधिक होने के कारण बिजली की खपत एकाएक बढ़ जाती है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बिल मीटर में दर्शाए गए यूनिट के आधार पर जारी किया गया था।
गर्मी व उमस के बाद दीपावली पर बिजली की खपत अधिक रही थी, इस कारण बिजली की यूनिटें अधिक दर्शाते हुए बिल राशि देखकर उपभोक्ताओं को करंट जैसा झटका लगा है। निगम के अधिकारी भी स्वीकारते हैं कि साल में यह ऐसा बिल होता है जिसमें सबसे अधिक खपत को दर्शाया जाता है। उमस अधिक होने के कारण बिजली की खपत एकाएक बढ़ जाती है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में भी बिल मीटर में दर्शाए गए यूनिट के आधार पर जारी किया गया था।
लापरवाही निगम की, खमियाजा भुगत रहे उपभोक्ता
मिर्जेवाला, दौलतपुरा, मोहनपुरा, मटीलीराठान, नेतेवाला, महियांवाली, सूरतगढ़ के ढाबां झालार, रामसरा जाखड़ान, प्रेमपुरा, संघर, भगवानगढ़, भगवानसर के अलावा श्रीबिजयनगर और अनूपगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में इस बार बिजली बिलों में राशि अधिक आई है। मिर्जेवाला क्षेत्र के लोग भाजपा नेता महेश बुडानिया की अगुवाई में जिला प्रशासन के समक्ष प्रदर्शन कर अपना विरोध जता चुके हैं। बुडानिया का कहना था कि बिजली कंपनियों ने लीकेज और चोरी के नाम से खपत यूनिटों को आम उपभोक्ताअेां से वसूली करने के लिए इस बार बड़े बड़े बिल बनाकर थोपे हैं। एक ओर मंदी के कारण रोजगार नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं से अब सिक्योरिटी राशि वसूलने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
मिर्जेवाला, दौलतपुरा, मोहनपुरा, मटीलीराठान, नेतेवाला, महियांवाली, सूरतगढ़ के ढाबां झालार, रामसरा जाखड़ान, प्रेमपुरा, संघर, भगवानगढ़, भगवानसर के अलावा श्रीबिजयनगर और अनूपगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में इस बार बिजली बिलों में राशि अधिक आई है। मिर्जेवाला क्षेत्र के लोग भाजपा नेता महेश बुडानिया की अगुवाई में जिला प्रशासन के समक्ष प्रदर्शन कर अपना विरोध जता चुके हैं। बुडानिया का कहना था कि बिजली कंपनियों ने लीकेज और चोरी के नाम से खपत यूनिटों को आम उपभोक्ताअेां से वसूली करने के लिए इस बार बड़े बड़े बिल बनाकर थोपे हैं। एक ओर मंदी के कारण रोजगार नहीं मिल रहे हैं तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं से अब सिक्योरिटी राशि वसूलने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
केस-एक
जवाहरनगर निवासी जोगेन्द्र सिंह ने वर्ष 1980 में अपने घर पर विद्युत कनेक्शन करवाया था, तब निगम की जगह बिजली बोर्ड था। तब बोर्ड ने सिक्योरिटी राशि महज तीस रुपए जमा कराई। अब 37 साल बाद विद्युत निगम ने इस कनेक्शनधारक को साढ़े पांच हजार रुपए सिक्योरिटी राशि का नोटिस थमाया है।
जवाहरनगर निवासी जोगेन्द्र सिंह ने वर्ष 1980 में अपने घर पर विद्युत कनेक्शन करवाया था, तब निगम की जगह बिजली बोर्ड था। तब बोर्ड ने सिक्योरिटी राशि महज तीस रुपए जमा कराई। अब 37 साल बाद विद्युत निगम ने इस कनेक्शनधारक को साढ़े पांच हजार रुपए सिक्योरिटी राशि का नोटिस थमाया है।
केस-दो
पुरानी आबादी भगतनगर के राकेश ने अपना घरेलू कनेक्शन वर्ष 1985 में कराया था, अब निगम अधिकारियों ने इस महीने के विद्युत बिल के साथ-साथ 3750 रुपए सिक्योरिटी राशि के रूप में जमा कराने का नोटिस थमाया है। अब इस कनेक्शनधारक के समक्ष बिल के साथ सिक्योरिटी राशि जमा कराने का दबाव भी एकाएक बढ़ गया है।
पुरानी आबादी भगतनगर के राकेश ने अपना घरेलू कनेक्शन वर्ष 1985 में कराया था, अब निगम अधिकारियों ने इस महीने के विद्युत बिल के साथ-साथ 3750 रुपए सिक्योरिटी राशि के रूप में जमा कराने का नोटिस थमाया है। अब इस कनेक्शनधारक के समक्ष बिल के साथ सिक्योरिटी राशि जमा कराने का दबाव भी एकाएक बढ़ गया है।
यह सही है कि सिक्योरिटी राशि कनेक्शन के दौरान ही जमा होती है। लेकिन तब बिजली का बिल अधिकतम दो से तीन सौ रुपए तक प्रति उपभोक्ता आता था लेकिन अब यह आंकड़ा पांच से दस हजार रुपए के बीच पहुंच गया है। ऐसे में पुराने उपभोक्ताओं से बिल की औसतन राशि के अनुरुप यह राशि जमा कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
– केके कस्वां, एक्सईएन, विद्युत वितरण निगम श्रीगंगानगर।