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गुलाबी नोट को लेकर इस बार पैनिक नहीं है बाजार

2 हजार के नोट की बंदी, पड़ता नहीं दिख रहा बड़ा असर

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सूरत

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Vineet Sharma

May 22, 2023

गुलाबी नोट को लेकर इस बार पैनिक नहीं है बाजार

गुलाबी नोट को लेकर इस बार पैनिक नहीं है बाजार

सूरत.अंकलेश्वर.भरुच. केन्द्र सरकार ने चलन से 2000 रुपए की नोट वापस लेने का निर्णय किया है। 2 हजार रुपए की नोट 30 सितंबर तक बैंक में बदली जा सकती है अथवा अपने खाते में जमा कराई जा सकती है। सरकार के इस निर्णय से सूरत और भरुच समेत दक्षिण गुजरात के उद्योगों पर इसका कोई खास असर पड़ता नही दिख रहा। मगर बिल्डर व नगद में कारोबार करने वाले व्यापारियों पर इसका असर जरूर पड सकता है।

जानकारों के मुताबिक सामान्य वर्ग पर इसका असर नगण्य ही होगा, क्योंकि ज्यादातर लोगों ने बीते दो-ढाई साल से दो हजार का नोट नहीं देखा। जिनके पास कुछ नोट बचत में रखे भी होंगे, उन्हें बैंक से बदलावाना या खाते में जमा करना इस बार मुश्किलभरा नहीं होने वाला।सूरत शहर में हीरे और कपड़े का बड़ा कारोबार है, जिसमें नगद का चलन काफी कम हो गया है, ज्यादातर धंधा डिजिटल पर आ चुका है। वर्तमान समय में उद्योगों का अधिकतर वित्तीय व्यवहार ऑनलाइन, चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट से ही होता है। इसके पहले हुई नोटबंदी वाली स्थिति वर्तमान में उद्योगों में देखने को नही मिल रही है। जिन लोगों के पास दो हजार रुपए के नोट बचत में रह भी गए थे, लोगों ने पेट्रोल पंपों और शॉपिंग माल्स का रुख कर छोटी-बड़ी खरीदारी कर उन्हें बाजार में चला दिया। जिनके पास फिर भी रह गए उनके पास नोट को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का पर्याप्त समय है।

भरुच जिले में 2500 से ज्यादा उद्योग स्थित है व अधिकतर दवा व केमिकल का उत्पादन करते हैं।अंकलेश्वर के 1900 के करीब उद्योगों का वार्षिक 40 हजार करोड़ रुपए का टर्नओवर है मगर उद्योगपतियों के अनुसार 2000 रुपए की नोट को वापस लेने से इसका कोई असर नही होने वाला है। एक अनुमान के अनुसार भरुच जिले में पिछले छह साल में 470 करोड़ रुपए से ज्यादा की 2000 रुपए की नोट बाजार में आए थे। उधर, भरुच में छोटे व्यापारियों ने 2000 रुपए की नोट लेना पूरी तरह से बंद कर दिया है। जो ग्राहक दो हजार रुपए की नोट लेकर आता है, उसे ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा जाता है।

डिजिटल इकोनॉमी की ओर कदम

साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद देश डिजिटल इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ा था। इसके बाद दो हजार रुपए के नोट की भूमिका ज्यादा नहीं रह गई थी। ऐसे में इसके बंद होने से बिजनस और इंडस्ट्री पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। डिजिटल इकोनॉमी को जरूर इस फैसले से गति मिलेगी।

हिमांशु बोडावाला, प्रमुख, एसजीसीसीआई, सूरत

क्लीन इकोनॉमी के लिए जरूरी

अर्थव्यवस्था के लिए दो हजार रुपए के नोट को बंद करने के फैसले को सकारात्मक नजरिए से देखने की जरूरत है। क्लीन इकोनॉमी के लिए यह जरूरी था और बड़ी आबादी पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला। जिनके पास ब्लैकमनी है उन्हें जरूर परेशानी हो सकती है।

रमेश वघासिया, प्रेसिडेंट इलेक्ट, एसजीसीसीआई, सूरत

काले धन वालों पर बड़ी चोट

आम आदमी के पास तो बचत के रूप में कुछ नोट पड़े होंगे, जिसे लेकर उसे कोई खास दिक्कत नहीं आने वाली। हां, काले धन वालों पर बड़ी चोट है। दो हजार के नोट बदलवाने के बाद काला धन रखने के लिए उन्हें अपनी तिजोरी कम से कम चार गुना बड़ी करनी होगी।

विनोद अग्रवाल, उद्यमी, सूरत

नहीं पड़ेगा कोई असर

इस बार की नोटबंदी साल 2016 में हुई नोटबंदी से काफी अलग है। पिछली बार अचानक तत्काल प्रभाव से पांच सौ और हजार के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। इस वजह से लोगों को लंबे वक्त तक परेशान होना पड़ा था। इस बार दो हजार के नोट ज्यादा लोगों के पास नहीं हैं और उन्हें बदलवाने या खाते में जमा कराने के लिए पर्याप्त समय भी दिया गया है।

बंदना भट्टाचार्य, उद्यमी, सूरत

लोगों को कठिनाई नहीं होगी

आजकल अधिक लोग ऑनलाइन लेनदेन और भुगतान के अन्य तरीके अपना रहे हैं, इसलिए सरकार द्वारा 2000 रुपये के नोट वापस लेने पर मेरे जैसे सेवा वर्ग के लोगों को कोई कठिनाई नहीं होगी।

कोकिला जे चौहान, नौकरीपेशा गृहणी, सूरत

अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

इतने बड़े नोट का बंद होना ज़रूरी था। वैसे भी ये नोट बाज़ार में कम ही सरकुलर में थे। बड़े नोट का बंद होना अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाता है। सरकार की इस नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगने की भी अच्छी गुंजाइश है। इसके अलावा बाजार में नकली नोट पर भी रोक लगेगी।

प्रमोद पोद्दार, कपड़ा उद्यमी, अन्नपूर्णा टेक्सटाइल मार्केट

भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम

2 हजार रुपए की नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लगेगी। मेरी राय में 500 की नोट को भी चलन से बाहर कर देना चाहिए, इससे बाजार में नकदी का व्यवहार तेजी से बढ़ेगा। 500 रुपए के नोट बंद होने से पूरा व्यापार एक नम्बर अर्थात पक्के में होगा, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।

महेश मित्तल, सीए

काला धन सामने आएगा

2 हजार की नोट बंद होने से जमा काला धन बाहर आएगा। बैंक में बड़ी नोट जमा होने से देश की अर्थ व्यवस्था में मजबूती आएगी। इसके बड़े फायदे के रूप में आतंकवाद पर लगाम भी लगेगी। इस नोटबंदी से भ्रष्टाचार को खत्म करने में सरकार को सहयोग मिलेगा।

राजकुमार अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी, न्यू टेक्सटाइल मार्केट

इकॉनोमी में पॉजिटिव इम्पैक्ट आएंगे

रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपए के नोट बंद करने का फैसला किया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव बढ़ेगा। लंबे समय से जमा बड़ी नोट बाहर आने से ना केवल टर्नओवर में इजाफा होगा बल्कि बाजार में भी व्यापारिक गति में भी तेजी दिखाई देगी।

अमित दोदराजका, ऊधमी, डायमंड पार्क, सचिन

घट सकती है मंहगाई

कंपनियों में नगदी का लेन-देन काफी कम होता है। अधिकतर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ही होता है। दो हजार रुपए की नोट वापस लेने से कोई असर नही पडऩे वाला है। इसके अलावा देश की अर्थव्यवस्था पर भी कोई असर नही पड़ेगा। जो मंहगाई बढ़ रही थी उस पर कुछ हद तक अंकुश जरूर लग सकता है।

बलदेव प्रजापति, राष्ट्रीय प्रमुख, लघु उद्योग भारती