script50 हजार की आबादी वाले शहर में 28 वर्षो से 50 बेड का अस्पताल, एक बेड पर दो-मरीजों का उपचार | 50-bed hospital in a city with a population of 50 thousand | Patrika News

50 हजार की आबादी वाले शहर में 28 वर्षो से 50 बेड का अस्पताल, एक बेड पर दो-मरीजों का उपचार

locationटोंकPublished: Oct 06, 2019 02:57:17 pm

Submitted by:

pawan sharma

1945 में शुरू हुए चिकिस्तालय को 196 1 में क्रमोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किया गया।
 

50 हजार की आबादी वाले शहर में 28 वर्षो से 50 बेड का अस्पताल, एक बेड पर दो-मरीजों का उपचार

50 हजार की आबादी वाले शहर में 28 वर्षो से 50 बेड का अस्पताल, एक बेड पर दो-मरीजों का उपचार

निवाई. देश की आजादी से पूर्व शहर में 1945 में शुरू हुए अस्पताल में बढ़ते समय व आबादी के अनुसार सुविधाएं नहीं जुट पाई है, इसके चलते मरीज जयपुर या निजी चिकित्सालय की ओर रुख करने का मजबूर बना हुआ है।
जानकारी अनुसार शहर में 1945 में शुरू हुए चिकिस्तालय को 196 1 में क्रमोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किया गया।
उसके बाद सन् 1991 में अस्पताल को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक चिकित्सालय में फिर क्रमोन्नत किया गया। तब से लेकर आज तक सरकारी अस्पताल 50 बेड का ही हैं। अस्पताल में शहर के बढ़ते क्षेत्र व आबादी के अनुसार मरीजों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ गई।
हालात यह है कि अस्पताल में एक बेड पर दो मरीजों का उपचार किया जा रहा हैं। मौसमी बीमारियों के चलते राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में वार्ड मरीजों एवं उनके परिजनों से भरे हुए हैं। अस्पताल में जगह होने से कई मरीज वार्ड देख कर ही वापस लौट रहे है।
बीते 28 वर्षों में शहर की करीब 50 हजार आबादी हो गई हैं लेकिन अस्पताल में बेड की संख्या अभी वहीं हैं। इस संदर्भ में चिकित्साधिकारी डॉ.बालिस्टर सिंह का कहना हैं कि सन् 1991 के बाद अभी तक अस्पताल में 50 बेड ही हैं और आउटडोर अधिक होने से अमूमन एक बेड पर दो मरीजों का उपचार किया जाता हैं।

भुगतान दिलवाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
निवाई. राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक संघ के तत्वावधान में संघ के ब्लॉक अध्यक्ष देवलाल गुर्जर के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने पंचायत सहायकों का रुका हुआ भुगतान दिलवाने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी जेपी बैरवा को स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा हैं।
अध्यक्ष देवालाल ने बताया कि पंचायत सहायकों के मानदेय का भुगतान करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्धारा दिए गए आदेशों की अभी तक कोई पालना नहीं हुई हैं। उन्होंने मांग की है कि दीपावली के त्योहार से पहले ही उनको ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा भुगतान करवाया जाए।
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