डर के मारे होटलों में निकाली रातें
परिवारों का कहना था कि महिला थाने के पीछे एकांत में खुली जगह में ये क्वार्टर बने हुए हैं। आसपास खुला परिसर व बारिश होने से जहरीले जीव-जन्तु का भय रहता है। रात में अंधेरे में कोई दरवाजा खोल नहीं सकता। ऐसी स्थिति में गर्मी, उमस के बीच एक दिन तो जैसे-तैसे गुजारा। अगले दिन होटलों व रिश्तेदारों के यहां जाकर रहना पड़ा। परिवारों का कहना कि बिजली नहीं होने से क्वार्टर्स की टंकियों में पानी भी नहीं चढ़ पाया। दो दिन तो अधिकतर बच्चे स्कूल भी नहीं जा सके।
परिवारों का कहना था कि महिला थाने के पीछे एकांत में खुली जगह में ये क्वार्टर बने हुए हैं। आसपास खुला परिसर व बारिश होने से जहरीले जीव-जन्तु का भय रहता है। रात में अंधेरे में कोई दरवाजा खोल नहीं सकता। ऐसी स्थिति में गर्मी, उमस के बीच एक दिन तो जैसे-तैसे गुजारा। अगले दिन होटलों व रिश्तेदारों के यहां जाकर रहना पड़ा। परिवारों का कहना कि बिजली नहीं होने से क्वार्टर्स की टंकियों में पानी भी नहीं चढ़ पाया। दो दिन तो अधिकतर बच्चे स्कूल भी नहीं जा सके।
READ MORE : सीताफल ने बदली आदिवासी महिलाओं की तकदीर…उदयपुर की इस देन को पीएम मोदी ने भी यह है नियम किसी भी परिसर में 50 केवी से अधिक लोड होने पर निजी ट्रांसफार्मर लगाया जाता है। इसके तहत मॉल, कॉम्पलेक्स, बड़े औद्योगिक समूह, चिकित्सालय, सरकारी कॉलोनियां शामिल हैं। चित्रकूटनगर में पुलिस क्वार्टर भी सार्वजनिक निर्माण विभाग की सम्पत्ति है। वहां लगे ट्रांसफार्मर की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।
अधिकारी बोले… तीन दिन बिजली बंद रहने से जवानों व उनके परिवारों को परेशानी हुई। पता चलते ही बिजली विभाग को कहकर ट्रांसफार्मर दुरुस्त करवाया।
बृजेश सोनी, एएसपी मुख्यालय
बृजेश सोनी, एएसपी मुख्यालय