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एक लाख श्रद्धालु आएं तो भी आधा घंटे में हो जाएंगे महाकाल के दर्शन

महाशिवरात्रि से पहले महाकाल पथ से ही मिलेगी एंट्री  

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उज्जैन. महाकाल मंदिर का परिसर नया आकार ले रहा है. महाकाल मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह विकसित किया जा रहा है. नई व्यवस्था में लाखों श्रद्धालुओं के आने पर भी महज आधा—पौन घंटे में महाकाल बाबा के दर्शन करा दिए जाएंगे. परिसर में भक्त टूरिस्ट की तरह घंटों घूम पाएंगे. मंदिर में दर्शन—पूजन करने आनेवाले भक्तों को महाशिवरात्रि से पहले ही महाकाल पथ से ही एंट्री दी जाएगी.

महाकाल को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह रूप देने के लिए महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट चल रहा है. इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रूद्रसागर तट का विकास कार्य शामिल है. 705 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में परिसर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. महाकाल परिसर 2 से बढ़कर 20 हेक्टेयर में फैल जाएगा.

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खास बात यह है कि इससे महाकाल मंदिर परिसर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से करीब चार गुना बड़ा हो जाएगा. गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करीब 5 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित हुआ है. इसके अंतर्गत पहले चरण के कामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पहले चरण का यह काम महाशिवरात्रि से पहले पूरा हो जाएगा.

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प्रोजेक्ट पूरा होने से कई सुविधाएं मिलेंगी. सबसे बड़ी सुविधा ये होगी कि महाकाल के दर्शन बहुत आसान हो जाएंगे. न केवल भीड़ से निजात मिलेगी बल्कि समय भी बहुत कम लगेगा. परिसर में कई स्थान विकसित हो रहे हैं जिससे घूमने का समय मिलेगा. इस तरह महाकाल दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे.

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अब यहां परिसर में ही ठहरने, आराम करने की तमाम सुविधाएं होंगी. कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार पहले चरण का काम महाशिवरात्रि से पहले पूरा हो जाएगा. दूसरे चरण का काम अगले साल मई-जून तक पूरा कर लेंगे. जब दूसरा चरण भी पूरा हो जाएगा तो हर घंटे एक लाख श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. भक्तों की इतनी भीड़ होने के बावजूद दर्शन में महज 30 से 45 मिनट लगेंगे.

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बिना किसी रुकावट के महाकाल के दर्शन की ये सुविधा अधिक लोगों को यहां आने के लिए प्रेरित करेगी. परिसर में 18 करोड़ रुपए की लागत से श्रद्धालु सुविधा केंद्र भी बन रहा है.

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विशेष बात यह है कि कुल दो चरणों के इस काम के पहले एक चरण का काम हर हाल में महाशिवरात्रि पर पूरा हो सके, इसके लिए खुद CM शिवराज सिंह चौहान लगातार फीडबैक ले रहे हैं.

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