Mahakal Ki Sawari: श्रावण-भादौ में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी को लेकर शहरवासियों ने फिर मांग उठाई है। उनका कहना है कि पालकी की ऊंचाई परंपरा अनुसार धीरे-धीरे बढ़ेगी, लेकिन इस बार प्रशासन को चाहिए मार्ग में लगाने वाले बैरिकेड्स की ऊंचाई कम हो, ताकि पालकी, श्रद्धालु व दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की बाधा का सामना न करना पड़े।
शहरवासियों का कहना है, गत वर्षों में बैरिकेड्स की ऊंचाई इतनी अधिक रही कि पालकी में विराजमान महाकाल की प्रतिमा के दर्शन तक नहीं होते हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि बाबा की पालकी निकालना एक प्रकार से लोकरंजन और धार्मिक वातावरण लाना रहा है। इसे परंपरा का नाम दिया, लेकिन प्रशासन को चाहिए कि अब इसकी ऊंचाई बढ़ाई जाए। मार्ग पर ऐसे बैरिकेड्स लगाएं, जो सुरक्षा भी दें और दर्शन में बाधा न बनें।
सवारी मार्ग बक्षी बाजार में रहने वाले नागरिकों ने सुझाव दिया कि बैरिकेड्स की ऊंचाई सामान्य मानव कद से अधिक न हो और कुछ स्थानों पर खुलने-बंधने वाले लचीले बैरिकेड्स लगाए जाएं। इससे इमरजेंसी या विशेष स्थिति में एंबुलेंस को तुरंत रास्ता दिया जा सके।
महाकालेश्वर की सावन एवं भादौ में निकलने वाली सवारी के दौरान पालकी के अंदर बाबा विराजते हैं। उनके दर्शन भक्तों को सही से नहीं होते, क्योंकि सवारी मार्ग में जो बैरिकेड्स लगाए जाते हैं, वे 7 या 8 फीट के होते हैं। या तो पालकी ऊंची की जाए या बैरिकेड्स छोटे रखे जाएं। कुछ भी निराकरण प्रशासन करें।
विट्ठल नागर, संस्थापक संयोजक श्री वल्लभ वैष्णव मंडल
बाबा की पालकी के साथ जो लोग रस्सी के घेरों में चलते हैं, उनकी संख्या तय होना चाहिए। सवारी के साथ चलने वाले जो ज्यादा वीवीआइपी हैं, उन्हें प्रवेश दिया जाए, बाकी लोग सामान्य रूप से दर्शन करें। इससे व्यर्थ की भीड़ नहीं रहेगी। साथ ही जो लोग घंटों से कतार में खड़े हैं, उन्हें बाबा की झलक साफ दिखेगी।
विशाल नीमा, लायंस क्लब उज्जैन शिवाय अध्यक्ष
पहले के समय में जब सवारी के साथ ज्यादा लवाजमा नहीं होता था, तब कड़ाबीन के धमाकों से पता लग जाता था बाबा आ रहे हैं। अब आधुनिक युग है, लोग मोबाइल से अपडेट देख लेते हैं। कड़ाबीन जब फूटता है, तो घर हिल जाता है। कमजोर हृदय व बीमार लोगों को परेशानी होती है। सवारी में इनकी संख्या तय हो।
नूपुर नीमा, अध्यक्ष, महिला मंडल
सवारी के दौरान महिलाएं, युवतियां बैरिकेड्स के सहारे खड़ी होती हैं। ऐसे में युवा और पुरुष भी आकर खड़े हो जाते हैं। इससे असहजता होती है, कई बार छेड़छाड़ हो जाती हैं। जेब कट जाती है, मोबाइल, चेन व पर्स गायब हो जाते हैं। प्रशासन को चाहिए पुलिस जवान की ड्यूटी लगाएं, ताकि घटना रुकें।
वर्तिका नागर, पदाधिकारी, महिला मंडल
– पहली सवारी – 14 जुलाई
– दूसरी सवारी – 21 जुलाई
– तीसरी सवारी- 28 जुलाई
– चौथी सवारी- 4 अगस्त
– पांचवी सवारी- 11 अगस्त
– छठी या शाही सवारी- 18 अगस्त
बाबा महाकाल की सवारी की ऊंचाई बढ़ाई जाना चाहिए या नहीं, अपने विचार वाट्सऐप नंबर 8103843438 पर शेयर करें।
Updated on:
21 Jun 2025 12:49 pm
Published on:
21 Jun 2025 12:42 pm