बीएचयू के आयुर्वेद में त्रिभुवन सिंह को भर्ती किया गया है जहां पर डा.राहुल खन्ना की देखरेख में इलाज चल रहा है। सूत्रों की माने तो त्रिभुवन सिंह को गाल ब्लैडर में स्टोन की समस्या थी और उसका ऑपरेशन कराया गया था बाद में वहां पर गांठ बन गयी थी जिसके इलाज के लिए ही बीएचयू लाया गया है। बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह की जोड़ी बेहद प्रसिद्ध थी। बृजेश सिंह की तरफ त्रिभुवन सिंह पर भी कभी पांच लाख का इनाम था। आरोप है कि बृजेश सिंह ने जितनी भी बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था उसमे त्रिभुवन सिंह भी साथ थे।
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बुलेटप्रूफ वाहन से पहुंच कर एसटीएफ के सामने किया था सरेंडर
त्रिभुवन सिंह की भी कहानी बेहद दिलचस्प है। बृजेश सिंह के साथ ताबड़तोड़ क्राइम कर जरायम की दुनिया में अपना डंका बजाने वाले त्रिभुवन सिंह को पुलिस २२ साल से खोज रही थी। 15 मार्च 2009 को एसटीएफ के विज्ञानपुरी कार्यालय के बाहर एक बुलेटप्रूफ वाहन रुकता था। गेट पर उस व्यक्ति से पूछताछ होती है और रजिस्टर पर सही नाम दर्ज करके वह व्यक्ति सीधा एसटीएम के एसएसपी अमिताभ यश के पास पहुंचता है और कहता है कि वह त्रिभुवन सिंह है उसे गिरफ्तार कर लिया जाये। इसके बाद एसटीएफ ने त्रिभुवन सिंह को गिरफ्तार का जेल भेजा था जहां पर विभिन्न मामलों की सुनवाई हो रही है।
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पहली बार जेल में हुई थी बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह की मुलाकात
गाजीपुर के मुडियार गांव निवासी त्रिभुवन सिंह व बृजेश सिंह क पहली मुलाकात जेल में हुई थी। बृजेश सिंह अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए जरायम की दुनिया में उतरे थे तो त्रिभुवन सिंह अपने भाई हेड कॉस्टेबल राजेन्द्र सिंह की हत्या का बदला लेना चाहते थे। राजेन्द्र सिंह की हत्या में साधु सिंह व बाहुबली मुख्तार अंसारी का नाम आया था। जेल से निकलने के बाद बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह हमेशा साथ रहते थे और बड़ी वारदातों को अंजाम दिया।
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गाजीपुर के मुडियार गांव निवासी त्रिभुवन सिंह व बृजेश सिंह क पहली मुलाकात जेल में हुई थी। बृजेश सिंह अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए जरायम की दुनिया में उतरे थे तो त्रिभुवन सिंह अपने भाई हेड कॉस्टेबल राजेन्द्र सिंह की हत्या का बदला लेना चाहते थे। राजेन्द्र सिंह की हत्या में साधु सिंह व बाहुबली मुख्तार अंसारी का नाम आया था। जेल से निकलने के बाद बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह हमेशा साथ रहते थे और बड़ी वारदातों को अंजाम दिया।
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