पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के चलते बनारस मेयर की सीट बीजेपी के लिए सबसे खास है। इस सीट पर 1995 से चुनाव हो रहा है और चारों बार बीजेपी के मेयर प्रत्याशी ही चुनाव जीते हैं। अब तो काशी के सांसद देश के पीएम नरेन्द्र मोदी है। बीजेपी को इस सीट पर हार मिलती है तो उसका बहुत गलत संदेश जायेगा। यूपी चुनाव 2017 में बीजेपी व सुभासपा का गठबंधन हुआ था उसके बाद बीजेपी को यूपी में प्रचंड बहुमत मिला है। माना जा रहा है कि सुभासपा से गठबंधन होने के चलते ही बीजेपी को राजभर वोट मिले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के गठबंधन के बाद से बीजेपी व सुभासपा के संबंध खराब होते चले गये थे। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बयान से भी बीजेपी की जमकर किरकिरी हो रही थी। उसी समय कयास लगाया जा रहा था कि यह गठबंधन अधिक दिन नहीं चलने वाला है और मात्र आठ माह के समय में ही यह गठबंधन टूट गया। नगर निगम चुनाव में इस बात का खुलासा हो गया है। सुभासपा के बैनर तले आरती पटेल ने मेयर पद पर नामांकन कर दिया है। इस दौरान सुभासपा के नेताओं ने कहा कि मेयर पद पर उनकी पार्टी बीजेपी का घमंड तोड़ देगी। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी को हरा कर हम अपनी ताकत बता देंगे।
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सुभासपा के प्रदेश अध्यक्ष ने खोली कलई
सुभासपा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने पत्रिका को बताया कि बीजेपी से सीट को लेकर वार्ता हुई थी, लेकिन बीजेपी ने सीट नहीं दी तो हम अकेले ही चुनाव में उतर गये हैं। नगर निगम चुनाव में बीजेपी से गठबंधन टूट गया है। आनंद मिश्रा ने कहा कि ५० सीट पर हमारे प्रत्याशी नामांकन कर चुके हैं। नगर पालिका परिषरद, नगर निगम व नगर पंचायत शामिल है। अभी १० तक नामांकन होना है इसलिए सुभासपा के और प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन जगहों पर हमारे प्रत्याशी को सिंबल नहीं मिल पाये हैं और बिना सिंबल के ही उन लोगों ने नामांकन किया है, वहां पर हमारे नेता जाकर अपना झंडा देकर प्रत्याशियों को चुनाव जीतायेंगे।
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सुभासपा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने पत्रिका को बताया कि बीजेपी से सीट को लेकर वार्ता हुई थी, लेकिन बीजेपी ने सीट नहीं दी तो हम अकेले ही चुनाव में उतर गये हैं। नगर निगम चुनाव में बीजेपी से गठबंधन टूट गया है। आनंद मिश्रा ने कहा कि ५० सीट पर हमारे प्रत्याशी नामांकन कर चुके हैं। नगर पालिका परिषरद, नगर निगम व नगर पंचायत शामिल है। अभी १० तक नामांकन होना है इसलिए सुभासपा के और प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन जगहों पर हमारे प्रत्याशी को सिंबल नहीं मिल पाये हैं और बिना सिंबल के ही उन लोगों ने नामांकन किया है, वहां पर हमारे नेता जाकर अपना झंडा देकर प्रत्याशियों को चुनाव जीतायेंगे।
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अपना दल सोनेलाल ने भी बनायी दूरी
अपना दल सोनेलाल ने पहले ही बीजेपी पर टिकट नहीं देने का आरोप लगाते हुए चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है और किसी प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है। इससे बीजेपी को बड़ी राहत मिली है, लेकिन सुभासपा के मैदान में उतरने से बीजेपी को नुकसान होना तय है। सुभासपा प्रत्याशी को जितने वोट भी मिलेंगे उतना भगवा पार्टी को नुकसान होगा।
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