सेतु निगम से अधिक काम यूपीआरएनएन को मिला हुआ है दूसरी भाषा में कहे तो सेतु निगम के एमडी से अधिक मलाईदार पद यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक है। सवाल उठता है कि इस भयानक हादसे में सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल समेत सात अधिकारियों को दोषी माना गया है। सेतु निगम पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है इसके बाद भी सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल पर सीएम योगी सरकार दयावान क्यों बनी है। फ्लाईओवर निर्माण में कई खामी पायी गयी है। इसके बाद भी सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल को यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पद पर बरकरार रखा गया है। यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में हुए भयानक हादसे के बाद भी यूपी सरकार मामले की गंभीरता को नहीं समझ रहीं है और विवादित अधिकारियों को बचाने में जुट गयी है।
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मायावती व शिवपाल के रहे खास, अखिलेश ने छीनी थी कुर्सी
मायावती व शिवपाल यादव के खास में राजन मित्तल की गिनती होती है। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी राजन मित्तल का काम पसंद नहीं आया था और सेतु निगम के एमडी पद से हटाया था। सीएम योगी सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद पर लाये थे। फ्लाईओवर हादसे के लिए गठित जांच रिपोर्ट आने के पहले ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद से हटा दिया गया था। इससे सवाल उठने लगा है कि राजन मित्तल को विवादों से बचाने के लिए ही जांच रिपोर्ट आने से पहले कार्रवाई की गयी है। इससे यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पर हुई तैनाती पर किसी का ध्यान नहीं जाये। सेतु निगम की तरह ही यूपीआरएनएन संस्था निर्माण से जुड़ी हुई है। इसके बाद भी सीएम योगी सरकार में खेल हुआ और एक ही जगह पर कार्रवाई की गयी।
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मायावती व शिवपाल यादव के खास में राजन मित्तल की गिनती होती है। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी राजन मित्तल का काम पसंद नहीं आया था और सेतु निगम के एमडी पद से हटाया था। सीएम योगी सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद पर लाये थे। फ्लाईओवर हादसे के लिए गठित जांच रिपोर्ट आने के पहले ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद से हटा दिया गया था। इससे सवाल उठने लगा है कि राजन मित्तल को विवादों से बचाने के लिए ही जांच रिपोर्ट आने से पहले कार्रवाई की गयी है। इससे यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पर हुई तैनाती पर किसी का ध्यान नहीं जाये। सेतु निगम की तरह ही यूपीआरएनएन संस्था निर्माण से जुड़ी हुई है। इसके बाद भी सीएम योगी सरकार में खेल हुआ और एक ही जगह पर कार्रवाई की गयी।
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