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फ्लाईआवेर हादसा:एमडी पद से हटाया लेकिन इस मलाईदार पद पर बरकरार रखी बादशाहत

locationवाराणसीPublished: May 18, 2018 12:53:44 pm

Submitted by:

Devesh Singh

अखिलेश यादव ने भी छीनी थी कुर्सी, सीएम योगी सरकार में हो रहा खेल

Setu Nigam

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वाराणसी. फ्लाईओवर हादसा कितना भयानक था यह बनारस के लोगों से पूछा जा सकता है। हादसे के बाद से सीएम योगी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई तो की है लेकिन सेतु निगम के पूर्व एमडी को लेकर सवालों के घेरे में आ गयी है। यूपी सरकार ने सेतु निगम के एमडी पद से राजन मित्तल को हटा दिया है लेकिन प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के प्रबंध निदेशक पद पर बादशाहत बरकरार रख कर लोगों की उम्मीदों को तगड़ा झटका दिया है।
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सेतु निगम से अधिक काम यूपीआरएनएन को मिला हुआ है दूसरी भाषा में कहे तो सेतु निगम के एमडी से अधिक मलाईदार पद यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक है। सवाल उठता है कि इस भयानक हादसे में सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल समेत सात अधिकारियों को दोषी माना गया है। सेतु निगम पर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है इसके बाद भी सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल पर सीएम योगी सरकार दयावान क्यों बनी है। फ्लाईओवर निर्माण में कई खामी पायी गयी है। इसके बाद भी सेतु निगम के तत्कालीन एमडी राजन मित्तल को यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पद पर बरकरार रखा गया है। यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में हुए भयानक हादसे के बाद भी यूपी सरकार मामले की गंभीरता को नहीं समझ रहीं है और विवादित अधिकारियों को बचाने में जुट गयी है।
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मायावती व शिवपाल के रहे खास, अखिलेश ने छीनी थी कुर्सी
मायावती व शिवपाल यादव के खास में राजन मित्तल की गिनती होती है। सपा सरकार के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भी राजन मित्तल का काम पसंद नहीं आया था और सेतु निगम के एमडी पद से हटाया था। सीएम योगी सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद पर लाये थे। फ्लाईओवर हादसे के लिए गठित जांच रिपोर्ट आने के पहले ही राजन मित्तल को सेतु निगम के एमडी पद से हटा दिया गया था। इससे सवाल उठने लगा है कि राजन मित्तल को विवादों से बचाने के लिए ही जांच रिपोर्ट आने से पहले कार्रवाई की गयी है। इससे यूपीआरएनएन के प्रबंध निदेशक पर हुई तैनाती पर किसी का ध्यान नहीं जाये। सेतु निगम की तरह ही यूपीआरएनएन संस्था निर्माण से जुड़ी हुई है। इसके बाद भी सीएम योगी सरकार में खेल हुआ और एक ही जगह पर कार्रवाई की गयी।
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