यूपी चुनाव 2017 में सपा व कांग्रेस का गठबंधन फेल हो गया था। इसके बाद से कांग्रेस की स्थिति नहीं सुधरी थी। मध्यप्रदेश से लेकर राजस्थान तक मैं कांग्रेस ने बसपा व सपा के साथ महागठबंधन बनाने की तैयारी की थी। कमजोर कांग्रेस को देखते हुए सपा व बसपा ने दूरी बनायी थी। अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंच से कांग्रेस को चेतावनी देते हुए यह भी कहा था कि सपा की साइकिल से कांग्रेस का हाथ हट भी सकता है। पांच राज्यों में हुए चुनाव परिणाम से पहले बीजेपी के विरोधी दलों ने एकजुटता दिखाने के लिए बैठक बुलायी थी जिसमे सपा व बसपा ने भाग नहीं लिया था। इसके बाद कहानी बदल जाती है। पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को फिर से मजबूत कर दिया है। तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन रही है। कांग्रेस की बढ़ती ताकत देख कर सपा व बसपा ने भी समर्थन का ऐलान किया है। स्थितिया बदल चुकी है और अब कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है।
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यूपी में कांग्रेस लड़ सकती है अकेले चुनाव, सपा व बसपा को लगेगा झटका
यूपी की 80 संसदीय सीट पर राहुल गांधी, मायावती व अखिलेश यादव के संभावित महागठबंधन की चर्चा हो रही है। पहले की चर्चा में सबसे अधिक सीट मायावती व फिर अखिलेश यादव को मिलने की बात हो रही थी उसके बाद कांग्रेस को कम सीट देने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस को सूत्रों की माने तो यूपी में अब कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ सकती है यदि ऐसा हुआ तो अखिलेश यादव व मायावती के लिए बीजेपी की तरफ कांग्रेस भी बड़ी चुनौती बन जायेगी। कांग्रेस के पास विकल्प खुला है। कांग्रेस चाहे तो राजा भैया व शिवपाल यादव जैसे नेताओं के साथ गठबंधन कर सकती है यह ऐसा नेता है जो अपनी जाति के वोटों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। यूपी में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती है तो बीजेपी से अधिक नुकसान सपा व बसपा को उठाना तय है।
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यूपी की 80 संसदीय सीट पर राहुल गांधी, मायावती व अखिलेश यादव के संभावित महागठबंधन की चर्चा हो रही है। पहले की चर्चा में सबसे अधिक सीट मायावती व फिर अखिलेश यादव को मिलने की बात हो रही थी उसके बाद कांग्रेस को कम सीट देने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस को सूत्रों की माने तो यूपी में अब कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ सकती है यदि ऐसा हुआ तो अखिलेश यादव व मायावती के लिए बीजेपी की तरफ कांग्रेस भी बड़ी चुनौती बन जायेगी। कांग्रेस के पास विकल्प खुला है। कांग्रेस चाहे तो राजा भैया व शिवपाल यादव जैसे नेताओं के साथ गठबंधन कर सकती है यह ऐसा नेता है जो अपनी जाति के वोटों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। यूपी में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती है तो बीजेपी से अधिक नुकसान सपा व बसपा को उठाना तय है।
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